बड़ी खबर: नेशनल शूटर तारा सहदेव यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट का फैसला, रकीबुल को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
नेशनल शूटर तारा सहदेव यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में रकीबुल हसन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि तारा सहदेव और रकीबुल की शादी साल जुलाई 2014 में हुई थी। शादी के बाद से ही रकीबुल तारा के साथ मारपीट करने लगा था और धर्म बदलने का भी दबाव डाल रहा था।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 05 Oct 2023 02:55 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। Tara Shahdev Case: नेशनल शूटर तारा शाहदेव के यौन उत्पीड़न, जबरन धर्म परिवर्तन में दोषी करार रंजीत कोहली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद को 15 साल, रंजीत की मां कौसर रानी को 10 साल कारावास की सजा सुनाई है।
30 सितंबर को पाए गए थे ये दोषी
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने 30 सितंबर को उक्त आरोप में दोषी पाकर तीनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया था।अदालत ने अभियुक्त रंजीत सिंह कोहली को कब्जे में लेकर एक ही महिला से बार-बार दुष्कर्म करने समेत अन्य आरोप में सजा सुनाई है।
जबकि मुश्ताक अहमद एवं कौसर रानी को महिला के साथ बार-बार दुष्कर्म करने का षडयंत्र रचने के जुर्म समेत अन्य में सजा सुनाई है।
#WATCH | Ranchi, Jharkhand: National Shooter Tara Shahdeo says, "I want to thank the court and the CBI who served me justice. This justice is not just for me, every daughter in the country will gain trust that whoever does this to them will be punished. People who do this would… pic.twitter.com/zBpgxOWocZ
— ANI (@ANI) October 5, 2023
शादी के बाद धर्म बदलने का दबाव
सीबीआई के वरीय लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह ने सुनवाई के दौरान कठोर से कठोर सजा की मांग की थी। जबकि बचाव पक्ष ने सजा में नरमी बरतने का अनुरोध किया था। बता दें कि रंजीत कोहली व तारा शाहदेव की शादी सात जुलाई, 2014 को हुई थी।शादी के बाद से ही मारपीट एवं उत्पीड़न की घटनाएं होने लगी थीं। घटना को लेकर हिंदपीढ़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वहीं परिजन सीबीआई की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट गए। जहां सीबीआई जांच का आदेश दिया गया।झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में केस टेक ओवर किया था। सीबीआई ने 12 मई 2017 को तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चली लंबी सुनवाई के बाद यह फैसला आया।
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