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छत्तीसगढ़ के कांकेर की तरह झारखंड के सारंडा में भी नक्सलियों को निपटाने की तैयारी, सुरक्षा बलों ने तेज की घेराबंदी

झारखंड में लोकसभा चुनाव के शांतिपूर्ण आयोजन में नक्सली बाधक न बने सुरक्षा बलों की ओर से इसकी कोशिश लगातार जारी है। सारंडा क्षेत्र में सुरक्षा बलों का अभियान तेज है। छत्तीसगढ़ के कांकेर में हाल के दिनों में सुरक्षा बलों ने जिस तरह से मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया है उसी तरह अब झारखंड के सारंडा में भी बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 25 Apr 2024 07:23 PM (IST)
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छतीसगढ़ के कांकेर की तरह झारखंड के सारंडा में भी नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज। (सांकेतिक फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ छत्तीसगढ़ के कांकेर जैसे ऑपरेशन की तैयारी चल रही है।

नक्सलियों के सबसे बड़े व बचे हुए इस गढ़ में एक-एक करोड़ के इनामी माओवादियों के शीर्ष नेता पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा, सेंट्रल कमेटी सदस्य अनल उर्फ पतिराम मांझी, असीम मंडल, 25 लाख के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य अनमोल, 15 लाख के इनामी रीजनल कमेटी सदस्य मोछू सहित कई बड़े नक्सलियों से भिड़ंत हो सकती है।

इनमें कुख्यात चमन, कांडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया व अश्विन का दस्ता भी शामिल है। इन नक्सलियों की घेराबंदी कई महीनों से चल रही है।

इस घेराबंदी का ही परिणाम है कि दो महीने के भीतर लगातार लैंड माइंस, हथियार व नक्सलियों के खाने-पीने व रहने की सामग्री की बरामदगी हुई है। झारखंड-ओडिशा सीमा पर दोनों तरफ से सुरक्षा बलों की चौकसी है।

झारखंड की ओर से इस अभियान में चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 बटालियन, 203 बटालियन, 205 बटालियन, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ की 60 बटालियन, 197 बटालियन, 157 बटालियन, 174 बटालियन, 193 बटालियन, 134 बटालियन, 26 बटालियन, 190 बटालियन व 11 बटालियन के जवान लगे हुए हैं।

2022 से अबतक 161 नक्सली गिरफ्तार

नक्सलियों के विरुद्ध सबसे लंबे समय से पश्चिमी सिंहभूम सारंडा क्षेत्र में ही सुरक्षा बलों का अभियान चल रहा है। इस अभियान में लगी पुलिस ने वर्ष 2022 से अब तक कुल 161 नक्सलियों की गिरफ्तारी की और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा।

वर्ष 2022 व 2023 में कुल 11 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया व कुल 375 विस्फोटक, हथियार, कारतूस व अन्य दैनिक उपयोग का सामान बरामद किया।

सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के कई स्थाई कैंप, ईआरबी मुख्यालय, आठ-दस अस्थाई कैंप व 15 बंकर को भी ध्वस्त किया है।

सारंडा क्षेत्र में उग्रवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उग्रवाद प्रभावित थाना क्षेत्रों में आम जनता की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए कुल 16 नए सुरक्षा कैंप बनाए गए हैं।

हाल के दिनों के कुछ प्रमुख मामले

24 अप्रैल : टोंटो थाना क्षेत्र के वनग्राम जिम्की के आसपास जंगली-पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाए गए नक्सलियों के तीन आइईडी को बम निरोधक दस्ता ने किया नष्ट, पास में मिले नक्सलियों के दैनिक उपयोग के सामान। 2000 लीटर के सिंटेक्स के अलावा खाने-पीने की सामग्री बरामद।

19 अप्रैल : पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र से सुरक्षा बलों ने उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के एरिया कमांडर सोमा हेम्ब्रम उर्फ नाजोम व बिरसा खंडाईत गिरफ्तार। दो एके-47 राइफल, तीन मैगजीन, 88 कारतूस, 50 हजार रुपये नकद, लेवी की रसीद आदि बरामद।

18 अप्रैल : सोनुवा थाना क्षेत्र के केराबीर व टेंडरसाईं के आसपास जंगली-पहाड़ी क्षेत्रों में माओवादियों के 27 हजार रुपये नकदी, एसएलआर राइफल सिलिंग, नक्सली पिट्ठू व दैनिक उपयोग के अन्य सामान बरामद।

11 अप्रैल : सारंडा क्षेत्र में सक्रिय रहे माओवादियों के 15 सदस्यों ने सुरक्षा बलों के दबाव में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

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