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वटवृक्ष देवपूजन एवं सावित्री सत्यवान कथा श्रवण किया

अखिल विश्व गायत्री परिवार रांची के विभिन्न शाखाओं में गुरुवार को वटवृक्ष की पूजा की गई।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 11 Jun 2021 09:02 AM (IST)
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वटवृक्ष देवपूजन एवं सावित्री सत्यवान कथा श्रवण किया

जासं, रांची: अखिल विश्व गायत्री परिवार रांची के विभिन्न शाखाओं में गुरुवार को वटवृक्ष की पूजा के बाद सावित्री सत्यवान कथा श्रवण कार्यक्रम किया गया। दलादली बगीचा कल्याण पीठ में बेबी देवी, अंजलि देवी, रेणु देवी, नव्या देवी, सुप्रिया देवी शामिल रहीं। पूजन में नारायण प्रसाद गौड़, अमरनाथ श्रीवास्तव ने सहयोग किया। नारायण प्रसाद गौड़ ने बताया कि हर वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर वट पूजन व सावित्री व्रत का आयोजन किया जाता है। इस दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। इसीलिए ज्येष्ठ अमावस्या तिथि बहुत शुभ मानी जाती है। वट सावित्री व्रत सनातन धर्म में विश्वास रखने वालों के लिए बहुत मायने रखती है। यह व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति के लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता है।

अखंड सौभाग्य और पितरों की अक्षय तृप्ति के लिए श्रीमन्नारायण की पूजा

अखंड सौभाग्य और पितरों की अक्षय तृप्ति लाभ के लिए गुरुवार को रातू रोड स्थित वेंकटेश मंदिर में अविनाशी भगवान श्रीमन्नारायण की विधिपूर्वक पूजा की गई। अमावस्या तिथि पितरों को अत्यंत प्रिय है। अष्टाक्षर मंत्र की विधि से अजन्मा भगवान नारायण का पूजन किया गया। मंत्र के एक-एक अक्षरों का न्यास पूर्वक आह्वान आदि उपचार द्वारा बालाजी की आराधना की गई। फिर अष्टकमल दल में विराजमान भगवान के अन्य स्वरूपों, उनके आवरणों, पार्षदों सहित गरुड़ जी का न्यास और उनके अस्त्रों का न्यास किया। आठ दिशाओं में तथा नीचे और ऊपर क्रमश: इंद्र, अग्नि, यम, नैऋति, वरुण, वायु कुबेर, ईशान, अनंत और ब्रह्मा आदि का दिक्बंधन हुआ। नक्षत्र, कुंभ और कर्पूरवासित निराजन दिव्य महाआरती हुई। श्री भगवान को दधिओदन का बालभोग निवेदन किया गया। श्रीविष्णु सहस्त्रनाम, श्रीस्तुति, भूस्तुति, पंचसूक्त एवं महावीर वैभवम आदि महामंत्रों का जाप किया गया। कोरोना महामारी से निजात पाने को मंगल प्रार्थना की गई। मंदिर के अर्चक गोपेश आचार्य एवं श्रीनिवास ने मिलकर अनुष्ठान संपन्न कराया।

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