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'चमरा लिंडा पर क्यों नहीं की कार्रवाई?', सदस्यता खत्म होने पर भड़के लोबिन हेम्ब्रम; सरकार पर निकाली भड़ास

Lobin Hembram लोबिन हेम्ब्रम ने विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने के फैसले के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। लोबिन हेम्ब्रम ने शनिवार को अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान हेमंत सरकार पर जमकार भड़ास निकाली। साथ ही स्पीकर को अब तक का सबसे कमजोर विधानसभा स्पीकर बताया। साथ ही यह पूछा कि चमरा लिंडा पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

By Manoj Singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sat, 27 Jul 2024 08:24 PM (IST)
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लोबिन हेम्ब्रम ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, रांची। पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने विधानसभा सदस्यता जाने के बाद झामुमो पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या की गई है। उन्हें सदस्यता जाने का दुख नहीं, लेकिन विधानसभा सत्र के एक दिन पहले ऐसा करना दुखद है। चमरा लिंडा और मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। ऐसे में सिर्फ हमारे खिलाफ ही पार्टी ने कार्रवाई करते हुए सदस्यता समाप्त कराई है। चमरा लिंडा पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? 

लोबिन हेम्ब्रम शनिवार को अपने आवास पर प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनका मामला तो दसवीं अनुसूची (दलबदल) के तहत नहीं आता है। आश्चर्य है कि बिना किसी नोटिस के ही उनके खिलाफ पार्टी ने कार्रवाई की। आनन-फानन में स्पीकर ने दबाव में आकर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी। लोबिन हेम्ब्रम ने रबीन्द्रनाथ महतो को अब तक का सबसे कमजोर विधानसभा स्पीकर बताया।

सदस्यता समाप्त करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल 

उन्होंने अपनी सदस्यता समाप्त किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने पूछा कि उनकी सदस्यता समाप्त होने के बाद जनहित के मुद्दों को कौन उठाएगा और सरकार किसको जवाब देगी?

सरकार को घेरते हुए लोबिन ने कहा कि पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किए गए वादे को नहीं निभाया। राज्य में आदिवासियों की जमीन की लूट हो रही है। किसान पलायन कर रहे हैं। मजदूर आपूर्ति का राज्य बना दिया गया है। वोट लेने के समय अपना होना का दावा किया था। पाकुड़ में आदिवासी छात्रावास में घुसकर पुलिस की पिटाई की जांच की मांग की।

वोट बैंक के लिए घुसपैठ करा रही सरकार- लोबिन हेम्ब्रम

लोबिन हेम्ब्रम ने राज्य के बांग्लादेश से सटे जिलों में घुसपैठ का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति की वजह से रोहिंग्या मुसलमानों के घुसपैठ पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

लोबिन ने यह भी आरोप लगाया कि मधुपुर और बरहेट, गायबखाना गांव में घुसपैठियों ने आदिवासियों के साथ मारपीट की और उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया। प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई है। उन क्षेत्रों में घुसपैठिए हावी हो रहे हैं और आदिवासियों के शादी कर उनकी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। इस पर कार्रवाई राज्य सरकार के हाथ में है।

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