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Lok Sabha Election 2024: I.N.D.I.A में सीट शेयरिंग को लेकर मचेगी रार! ...इसलिए झारखंड में गठबंधन की गाड़ी पर लग सकता है ब्रेक

लोकसभा चुनाव के लिए I.N.D.I.A. गठबंधन में सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इसके लिए नई दिल्ली में झारखंड नेतृत्व संग सलाह-मशविरा किया है। इसमें यह निकल कर सामने आया है कि कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले के अनुसार ही आगे बढ़ना चाहती है। हालांकि इसपर अंतिम निर्णय घटक दलों की मीटिंग में ही होगा।

By Mohit Tripathi Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 05 Jan 2024 09:10 PM (IST)
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I.N.D.I.A में सीट शेयरिंग को लेकर मचेगी रार। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में चल रहे राजनीतिक ऊहापोह के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इसके लिए नई दिल्ली में प्रदेश नेतृत्व संग सलाह-मशविरा किया है। इसमें यह निकल कर सामने आया है कि कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले के अनुसार ही आगे बढ़ना चाहती है।

पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नौ सीटें लेने में कामयाबी पाई थी। इस बार भी प्रदेश नेतृत्व ने इसे दोहराया है। हालांकि अब गठबंधन के घटक दलों के बीच बातचीत पर इसमें निर्णय होगा, लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस की दावेदारी मानने को झारखंड मुक्ति मोर्चा तैयार नहीं होगा।

विवाद से कैसे निपटेगा INDI गठबंधन ?

मोर्चा ने पूर्व में ही कह दिया है कि गठबंधन में उसकी भूमिका बड़े भाई की है, यानी ज्यादा सीटों पर उसकी दावेदारी होगी। इसके अलावा वामदलों और राजद की भी नजर सीटों पर होगी। जदयू को भी एक सीट की उम्मीद है। ऐसे में महज 14 सीटों वाले झारखंड में बंटवारे को लेकर विवाद तय है।

क्या है मौर्चा का प्लान

फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से सीटों के तालमेल को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी की पूरी कोशिश फिलहाल सरकार को उहापोह की स्थिति से निकालने की है। ईडी के सात समन के बाद भी सीएम हेमंत सोरेन उपस्थित नहीं हुए हैं। आशंका जताई जा रही है कि कड़ा एक्शन हो सकता है। इसका अहसास सत्ता पक्ष को है।

कांग्रेस भी ज्यादा झुकने को तैयार नहीं

कांग्रेस की तैयारी भी पुख्ता है। सीट शेयरिंग पर बातचीत के पहले प्रदेश नेतृत्व ने हर स्तर पर विमर्श किया है। पार्टी नेताओं का दावा है कि इससे कम पर बात नहीं बनने वाली है।

एक-दो सीटों को लेकर आपस में अदला-बदली की जा सकती है, लेकिन बहुत ज्यादा झुकने की नौबत आएगी तो पार्टी हाथ खड़े कर सकती है। फिलहाल इसपर अंतिम निर्णय आलाकमान पर छोड़ा गया है।

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