Lok Sabha Election 2024: झारखंड समेत 6 राज्यों में लोकसभा सीटों की दावेदारी करेगी झामुमो, हेमंत सोरेन की टीम दिल्ली रवाना
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को लोकसभा चुनाव में राज्य के अलावा बिहार बंगाल ओड़िशा छत्तीसगढ़ और असम में भी लड़ने को सीटें चाहिए। आईएनडीआईए के फोरम पर इससे संबंधित दावा पेश किया जाएगा। झारखंड में झामुमो की दावेदारी कुल 14 में कम से कम सात सीटों पर होगी। झामुमो का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दावेदारी से संबंधित पक्ष रखेगा। बैठक दिल्ली में निर्धारित है।
राज्य ब्यूरो, रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को लोकसभा चुनाव में राज्य के अलावा बिहार, बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और असम में भी लड़ने को सीटें चाहिए। आईएनडीआईए के फोरम पर इससे संबंधित दावा पेश किया जाएगा। झारखंड में झामुमो की दावेदारी कुल 14 में कम से कम सात सीटों पर होगी।
झामुमो का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दावेदारी से संबंधित पक्ष रखेगा। बैठक दिल्ली में निर्धारित है, जिसमें हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री चंपाई सोरेन के नेतृत्व में गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, झामुमो महासचिव विनोद पांडेय और सुप्रियो भट्टाचार्य शामिल होंगे।
सीटों से संबंधित दावेदारी पर शुक्रवार को यहां मंथन हुआ। शिष्टमंडल ने इस संबंध में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से निर्देश प्राप्त किया है। नई दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक के साथ बैठक निर्धारित है।
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि झारखंड सहित बिहार, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, बंगाल और असम में लोकसभा के सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत होगी। कभी ओड़िशा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के छह विधायक हुआ करते थे।
सांसद भी वहां से निर्वाचित हुए थे। झारखंड में गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ही बैठेगी। संख्या बल और जनाधार के लिहाज से मोर्चा यहां सबसे ज्यादा मजबूत है। उन्होंने बताया कि पार्टी पूरे होमवर्क के साथ दिल्ली जा रही है।
ज्यादा सीटों पर दावेदारी के संबंध में तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि जमशेदपुर और चाईबासा सीट कभी एक साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीता था। जमशेदपुर में मोर्चा के चार विधायक हैं।
चाईबासा में झामुमो के पांच विधायक हैं। ऐसे में दोनों लोकसभा सीटों पर मोर्चा की स्वाभाविक दावेदारी है। लोहरदगा संसदीय सीट पर भी बात करेंगे। यहां झामुमो के दो विधायक हैं।
जिस राज्य में जो क्षेत्रीय दल मजबूत, वह करेगा नेतृत्व
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पूर्व में ही तय हो चुका है कि जिस राज्य में जो क्षेत्रीय दल मजबूत होगा, वही नेतृत्व करेगा। राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा मजबूत स्थिति में है। ऐसे में नेतृत्व की जिम्मेदारी है। सारी बातों से बैठक में अवगत कराया जाएगा।
पिछले लोकसभा चुनाव में क्या थी स्थिति
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में झामुमो को कांग्रेस ने चार सीटें दी थी। एक सीट राजमहल पर झामुमो प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। इस बार सीटों पर दावेदारी के लिए विधानसभा चुनाव की स्थिति का हवाला दिया जा रहा है। यही वजह है कि ज्यादा सीटों पर झामुमो की दावेदारी है।
हालांकि, झामुमो और कांग्रेस के अलावा सहयोगी राजद, वामदल और जदयू को भी संतुष्ट करना होगा। राजद कम से कम एक सीट पर दावेदारी करेगा। वामदलों की भी नजर सीटों पर है। जदयू भी अपने हिस्से में एक सीट चाहता है।
हाल ही में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरु महतो ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी। जदयू की नजर गिरिडीह या हजारीबाग सीट पर है। राजद ने पिछले बार चतरा सीट पर प्रत्याशी खड़ा किया था। इस बार राजद की नजर पलामू सीट पर है। वामदल कोडरमा और हजारीबाग पर दावा कर रहे हैं।