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झारखंड के खलील 92 की उम्र में पहली बार करेंगे वोटिंग, इस वजह से अबतक वोटर लिस्ट में नहीं जुड़ पाया था नाम

Lok Sabha Elections 2024 झारखंड के साहिबगंज में मंडरो निवासी 92 वर्षीय खलील अंसारी पहली बार मतदान करेंगे। वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल ना होने के कारण वह मतदान नहीं कर पाते थे। इस बार उनका नाम मतदाता सूची में जुड़ेगा। इससे वह मतदान कर सकेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रविकुमार ने इसे लेकर खास पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

By Neeraj Ambastha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 05 Apr 2024 08:43 PM (IST)
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झारखंड के खलील 92 की उम्र में पहली बार करेंगे वोटिंग। (सांकेतिक फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। साहिबगंज के मंडरो निवासी 92 वर्षीय खलील अंसारी पहली बार मतदान करेंगे। अभी तक मतदाता सूची में उनका नाम सम्मिलित नहीं होने के कारण वे मतदान नहीं कर पाते थे। इस बार उनका नाम मतदाता सूची में जुड़ेगा। इससे वह मतदान कर सकेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रविकुमार ने इसे लेकर संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शुक्रवार को साहिबगंज के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों के औचक निरीक्षण के क्रम में वरिष्ठ एवं दिव्यांग मतदाताओं से मुलाकात कर रहे थे। इस क्रम में उन्होंने बड़खोरी गांव के वरिष्ठ एवं दिव्यांग 92 वर्षीय खलील अंसारी से मिलकर मतदाता सूची में उनका नाम होने की जानकारी ली।

खलील ने सीईओ को क्या बताया?

खलील ने उन्हें बताया कि पूर्व में वह बिहार के पूर्णिया जिले में रहते थे। वे अब बड़खोरी में रह रहे हैं। खलील ने मतदाता सूची में नाम नहीं होने के कारण कभी भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किए जाने की जानकारी भी दी। इसपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने खलील का नाम मतदाता सूची में जोड़ने की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए।

उन्होंने एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक पैदल चलकर कई मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया तथा वहां उपलब्ध न्यूनतम सुविधा एवं अन्य व्यवस्थाओं को जाना। उन्होंने बीएलओ द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली।

आदिम जनजाति समाज तक पहुंचे सीईओ

लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़े तथा कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रहे, इस प्रयास में चुनाव आयोग लगातार प्रयास कर रहा है। इस क्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी शुक्रवार को साहिबगंज जिले के सुदूर क्षेत्रों में रहनेवाले आदिम जनजाति के लोगों तक पहुंचे। उन्होंने इस समुदाय की महिलाओं के साथ संवाद भी किया।

इस क्रम में इस समुदाय की मारनकुड़ी हांसदा ने कहा कि उसका गौना हो गया है तथा उसका ससुराल दूसरी जगह पर है। कुछ दिन बाद उसके पति ससुराल ले जाएंगे।

साहिबगंज के मंडरो एवं फुलपहाड़ी परिभ्रमण के क्रम में अपनी सासु मां के साथ खरिहानी में कार्य कर रही नई बहू से उनका मतदाता पहचान पत्र के बारे में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पूछा। इसपर उसका कहना था कि अभी विवाह की कुछ रस्म शेष है, जिसके बाद वह यहां की हो जाएगी।

इस जनजाति में विवाह प्रथा में महिला एक वर्ष पूर्व ही अपने ससुराल में आ जाती है। बाद में फिर सभी परिजनों को खान-पान कराकर विवाह को संपूर्ण माना जाता है।

इन सभी मामलों को गंभीरतापूर्वक लेते हुए बीएलओ को वोटर हेल्पलाइन ऐप से इन मतदाताओं को जोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि यदि कोई नई बहू बीएलओ के क्षेत्र अंतर्गत आई है तो उसके मतदाता पहचान पत्र बनवाने के लिए आवेदन अवश्य ले ले।

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