झारखंड की पहली महिला राज्यसभा सदस्य बनीं महुआ माजी, कांग्रेस-झामुमो के बीच नाम पर था विवाद
Jharkhand Politics झारखंड के लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि यहां की कोई स्थानीय महिला पहली बार राज्यसभा सदस्य बनी है। डा. महुआ माजी कुछ माह पहले ही चुन ली गई थी लेकिन सोमवार को उन्होंने सदन में शपथ ग्रहण कर अपनी सियासी पारी की शुरुआत की।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Mon, 18 Jul 2022 04:17 PM (IST)
रांची, डिजिटल डेस्क। झारखंड का नाम तो इतिहास के पन्नों में पहले से ही दर्ज है, लेकिन सोमवार को एक और नई इबारत जुड़ गई। यह हर झारखंडी को गौरवान्वित करने वाली घटना है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झामुमो को जाता है।
झामुमो नेत्री और वरिष्ठ साहित्यकार डा महुआ माजी झारखंड की रहने वाली पहली ऐसी महिला बन गई हैं, जो राज्यसभा की सदस्य हैं। झारखंड से अबतक कोई स्थानीय महिला राज्यसभा में नहीं भेजी गई थी। हां, कांग्रेस की ओर से सुश्री माबेल रेबेलो वर्ष 2006 से 2012 तक सदस्य जरूर रही हैं। लेकिन वह झारखंड की स्थानीय महिला नहीं थीं। वह मध्यप्रदेश के भोपाल की रहने वाली थीं।
यहां की किसी भी पार्टी ने स्थानीय महिला को राज्यसभा भेजने के लिए प्रयास ही नहीं किया। झामुमो ने इसबार हिम्मत दिखाई और झारखंड की पहली स्थानीय महिला राज्यसभा में पहुंच गई। सोमवार को डा महुआ माजी ने झारखंड के राज्यसभा सांसद पद की शपथ ली।
सदन में मेज थपथपा कर सभी सदस्यों ने किया स्वागतसोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सभापति वेंकैया नायडू के आदेश पर डा महुआ माजी का नाम पुकारा गया। वह सभापति के आसन के पास पहुंचीं। वहां उन्होंने ईश्वर और भारतीय संविधान की शपथ ली।
सदन में मौजूद सभी सदस्यों ने मेज थपथपा कर उनका स्वागत किया। इतना ही नहीं जब शपथ ग्रहण के लिए उनका नाम पुकारा गया तो उस समय भी सदन में मौजूद सभी सदस्यों ने मेज थपथपा कर बधाई दी। झामुमो नेत्री महुआ माजी ने हरे रंग के मोतियों की माला गले में पहन रखा था। हर रंग उनकी पार्टी के ध्वज का प्रतीक भी है। संयोगवश सोमवार को सावन की पहली सोमवारी भी थी।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महुआ माजी को दी बधाईउधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथ ग्रहण के बाद महुआ माजी को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए श्रीमती महुआ माजी को अनेक-अनेक बधाई और शुभकामनाएं।
मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा है कि आप संसद में झारखंड के गरीब, वंचित, आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, युवा, महिला और किसान से जुड़े मुद्दों को उठाती रहें, यही आशा करता हूं।इस तरह महुआ माजी चुनी गईं राज्यसभा सदस्यमालूम हो कि झारखंड में राज्यसभा सीट के लिए झामुमो और कांग्रेस के बीच खूब घमासान हुआ था। कांग्रेस की तमाम कोशिशाें के बावजूद हेमंत सोरेन ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद यह सीट अपनी पार्टी के नाम करा ली थी।
कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं था, इसलिए वह सहयोगी पार्टी होने के नाते हेमंत सोरेन और झामुमो से यह सीट मांग रही थी। लेकिन झामुमो ने कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया।झामुमो के पास पर्याप्त संख्या बल होने के कारण कांग्रेस को चुप्पी साधनी पड़ी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि झामुमो किसे राज्यसभा भेजने वाली है। अचानक हेमंत सोरेन ने महुआ माजी के नाम का ऐलान कर सबको चौंका दिया था।
नेता से ज्यादा साहित्यकार के रूप में चर्चित हैं महुआडा महुआ माजी हिन्दी की वरिष्ठ साहित्यकार हैं। वह लंबे समय से झामुमो से जुड़ी हुई हैं। झामुमो में वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं। झामुमो ने महुआ माजी को रांची विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ाया था, लेकिन वह भाजपा के सीपी सिंह से चुनाव हार गई थीं।महुआ माजी की छवि नेत्री से ज्यादा साहित्यकार की रही है। देश दुनिया में लोग उन्हें साहित्यकार के रूप में ही ज्यादा जानते समझते हैं।
झारखंड की ही रहने वाली हैं महुआ माजीआश्चर्य की बात यह है कि जहां अपना देश आज सोमवार को पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति चुन रहा है, वहीं झारखंड से कोई महिला पहली बार राज्यसभा सदस्य बनी है। राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और झारखंड से राज्यसभा सदस्य बनीं डा महुआ माजी का संबंध भी झारखंड की माटी से है।द्रौपदी मुर्मू यहां राज्यपाल रह चुकी हैं। उनकी दादी यहीं की रहने वाली थीं। वहीं, महुआ माजी तो पूरी तरह झारखंड की ही निवासी हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पढ़िए टवीट
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— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 18, 2022
आप संसद में झारखण्ड के गरीब, वंचित, आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, युवा, महिला और किसान से जुड़े मुद्दों को उठाते रहें, यही आशा करता हूँ।
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