Jharkhand Train Accident: झारखंड में पहले भी हो चुके रेल हादसे, कहीं टूटा रेड सिग्नल तो कहीं नदी में जा गिरा इंजन
Jharkhand Train Accident झारखंड के जामताड़ा में हुए रेल हादसे ने प्रदेश में हुई पुरानी दुर्घटनाओं की यादें ताजा कर दी हैं। ऐसे रेल हादसों ने झारखंड को पहले भी झकझोरा है। कहीं ट्रेन रेड सिग्नल को तोड़ती हुई आगे बढ़ गई तो कहीं पर रेल का इंजन ही नदी में जाकर गिर गया। कुछ हादसों में लोगों ने अपनी जान भी गंवाई।
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के जामताड़ा में दर्दनाक हादसा हुआ है। जामताड़ा-करमाटांड़ के कलझारिया के पास दर्जन भर लोगों के ट्रेन की चपेट में आ गए, जिसके चलते 12 लोगों की मौत हो गई। कुछ लोगों के घायल होने की भी सूचना मिल रही है।
बताया जा रहा है कि अंग एक्सप्रेस में आग लगने की सूचना पर ट्रेन खड़ी हुई। इसी दौरान आनन-फानन में यात्री ट्रेन से कूदे। उसी वक्त दूसरी तरफ से गुजर रही झाझा-आसनसोल ट्रेन की चपेट में आ गए और 12 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
यहां जानिए हादसों ने झारखंड को कब-कब झकझोरा
इससे पहले भी इसी साल जनवरी की शुरुआत में सरायकेला के गम्हरिया रेलवे स्टेशन के पास बड़ा हादसा हो गया था। इस वजह से चार लोगों की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ था जब हरिद्वार से भुवनेश्वर जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस गुजर रही थी।कोहरे के कारण दुर्घटना के शिकार लोगों को इसका पता नहीं चला। सभी रेलवे लाइन पार कर रहे थे, तभी सभी ट्रेन की चपेट में आ गए। ट्रेन से सीधी टक्कर के बाद सभी के चिथड़े उड़ गए।
रांची मंडल में पिछले साल हुआ था हादसा
पिछले साल 18 सितंबर को रांची मंडल अंतर्गत गौतम धारा स्टेशन के निकट बड़ा हादसा होते-हाते बच गया था। अन्यथा सैंकड़ों लोगों की जान जा सकती थी। बता दें कि 18085 बांकुड़ा-रांची ट्रेन दिन में 12.25 बजे गौतमधारा स्टेशन पर रेड सिग्नल को पार कर आगे बढ़ गई थी। उस वक्त ट्रेन में कई यात्री सफर कर रहे थे।उस दौरान चालक को सूचना दिया और ट्रेन का पीछे किया गया। हालांकि, इस घटना के बाद एक्शन में आए रेल प्रशासन ने गौतमधारा स्टेशन पर लोको पायलट अश्विनी कुमार और असिस्टेंट लोको पायलट को ड्यूटी से हटा दिया था।
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इससे पहले मई 2021 में सिमडेगा में हटिया-राउरकेला पैसेंजर का इंजन कनरवा स्टेशन पर पटरी से उतर गया। हादसे में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, ट्रेन के यात्री घबरा गए थे। कनारोंवा स्टेशन के पास दक्षिण केबिन के पास देव नदी में उतर गया। इसके बाद रेलवे की ओर से फौरन इंजन को वापस पटरी पर लाया।बता दें कि पैसेंजर ट्रेन कनरोंवा स्टेशन से खुलने के बाद दक्षिण केबिन के पास स्लिप साइडिंग को तोड़ते हुए ट्रेन का इंजन देव नदी में उतर गया था। यह भी पढ़ेंजामताड़ा में दर्दनाक हादसा: ट्रेन में आग लगने की सूचना पर कूदे यात्री, सामने आ रही थी झाझा-आसनसोल ट्रेन; 12 की मौतE-Rickshaw चालकों को लेकर आई बड़ी खबर, परमिट व रूट पास का जल्द होगा समाधान; चंपई के मंत्री का एलान