Manrega Scam Case: निलंबित IAS पूजा सिंघल की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने जमानत के खिलाफ SC में दिया ये तर्क
मनरेगा घोटाला मामले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। ईडी की ओर से यह तर्क दिया गया कि अगर पूजा सिंघल को नियमित अथवा अंतरिम जमानत मिली तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं क्योंकि वह शासन में बहुत ही पावरफुल पद पर रह चुकी हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची: मनरेगा घोटाले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि पूजा सिंघल को अंतरिम अथवा नियमित जमानत न दी जाए, क्योंकि पूजा सिंघल केस के गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं।
ईडी की ओर से यह भी कहा गया है कि वह शासन में बहुत ही पावरफुल पद पर रह चुकी हैं, जिसका उदाहरण रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत रहने के दौरान आम लोगों से मिलना-जुलना है।
मामले में 30 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
ईडी ने रिम्स में उनसे मिलने-जुलने से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी कोर्ट को सौंपते हुए पूजा सिंघल को जमानत नहीं देने की गुहार लगाई है। इस मामले में 30 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
ईडी ने कोर्ट में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक के बयान को भी लगाया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि पूजा सिंघल 16 मई से रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाजरत हैं।
पूजा सिंघल ट्रायल को प्रभावित करने का लगातार प्रयास कर रही हैं और इसके लिए उन्होंने कोर्ट में विविध आवेदन दाखिल कर रखा है। इसके आधार पर कोर्ट से समय ले रही हैं।
मामले में चारों गवाहों के लिए जा चुकें है बयान
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया है कि अब तक इस पूरे प्रकरण में चार गवाहों का बयान हो चुका है। इसमें अंतिम गवाही 12 सितंबर को अक्षत कत्याल की हुई थी।
ईडी ने बताया कि उसने स्वीकार किया है कि उसने पूजा सिंघल से अपनी कंपनी मेसर्स यूनिक कंस्ट्रक्शन के नाम पर 35 लाख रुपये लिया था। ये रुपये पल्स संजीवनी अस्पताल के निर्माण के एवज में लिया था। सभी रुपये मनी लांड्रिंग से संबंधित थे।
पूजा सिंघल के अधीन काम कर चुके अधिकतर गवाह
ईडी ने कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट में बताया है कि ट्रायल के दौरान ईडी की ओर से कुल 33 गवाह हैं। इनमें अधिकतर गवाह ऐसे हैं, जो पूजा सिंघल के अधीन काम कर चुके हैं।
अगर वह जमानत पर बाहर निकलती हैं तो यह आशंका है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं।
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