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Jharkhand News: चुनावी मैदान में 'स्टार प्रचारकों' ने भी बदले खेमे, जानें कौन इस बार किस पार्टी का करेगा चुनाव प्रचार?

चुनावी मैदान में न केवल चुनाव लड़ने को व्याकुल नेता ही पार्टी बदल रहे हैं बल्कि पिछले लोकसभा चुनाव के कई स्टार प्रचारकों ने चुनावी पार्टी बदल ली हैं। पिछले चुनाव में किसी अन्य दल में रहते हुए जो प्रचारक जिस प्रत्याशी के लिए चुनाव-प्रचार कर रहे थे तो वहीं इस बार पार्टी बदल लेने के कारण वे उसके विरोध में होंगे।

By Neeraj Ambastha Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 25 Mar 2024 06:23 PM (IST)
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चुनावी मैदान में स्टार प्रचारकों ने बदली पार्टियां
नीरज अम्बष्ठ, रांची। सियासी समर में न केवल चुनाव लड़ने को व्याकुल नेता ही पार्टी बदल रहे हैं, बल्कि पिछले लोकसभा चुनाव के कई स्टार प्रचारक भी ऐसे हैं जिन्होंने इस दौरान पाला बदल लिया है। पिछले चुनाव में किसी अन्य दल में रहते हुए उसके प्रत्याशी के लिए चुनाव-प्रचार कर रहे थे।

पार्टी बदल लेने के कारण इस बार वे उसके विरोध में होंगे। इसी तरह, पिछले चुनाव में जिस प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव प्रचार कर रहे थे, इस बार उसके समर्थन में वोट मांगेगें। लगभग सभी दलों में ऐसे नेता हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव में ये थे बड़े स्टार प्रचारक

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी वर्ष 2019 के लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा के सबसे बड़े स्टार प्रचारक थे। वर्ष 2019 के चुनाव में वे कोडरमा से भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी के विरुद्ध चुनाव मैदान में भी थे। इस बार भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी की प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी के लिए पसीना बहाएंगे।

झाविमो के ही प्रदीप यादव और बंधु तिर्की इस बार आइएनडीआइए प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करते दिखेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में सीता सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम तथा जयप्रकाश भाई पटेल झामुमो के बड़े स्टार प्रचारक थे। इनमें से सीता सोरेन भाजपा में सम्मिलित हो चुकी हैं।

संताल की सीटों पर अब सीता सोरेन हैं स्टार प्रचारक

अब सीता भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में संताल की सीटों पर झामुमो के प्रत्याशियों को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। लोबिन हेम्ब्रम के बगावती तेवर पहले से है। पिछले लोकसभा चुनाव में जय प्रकाश भाई पटेल झामुमो के स्टार प्रचारक थे।

इसके बाद ये भाजपा में चले गए थे। हालांकि इस बार कांग्रेस की ओर से झामुमो प्रत्याशियों के समर्थन में भी चुनाव प्रचार करेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में सरयू राय भाजपा के स्टार प्रचारक थे। इस बार ये भाजपा प्रत्याशियों के लिए वोट मांगते नहीं दिखेंगे।

इसी तरह, हुसैनाबाद के पूर्व विधायक कुशवाहा पूजन मेहता बसपा के स्टार प्रचारक थे। इस बार ये आजसू प्रत्याशी लिए वोट मांगेंगे। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने आरपीएन सिंह, अशोक चौधरी तथा कामेश्वर बैठा को स्टार प्रचारक बनाया था। इस बार इन सभी नेताओं ने पाला बदल लिया है।

पंकज मिश्रा भी थे झामुमो के स्टार प्रचारक

अवैध खनन मामले में जेल में बंद पंकज मिश्रा भी झामुमो के स्टार प्रचारक थे। पार्टी ने इन्हें वर्ष 2019 के लोकसभा तथा विधानसभा दोनों चुनाव में अपना स्टार प्रचारक बनाया था कई स्टार प्रचारकों का निधन पिछले लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक रहे कई नेता इस बार सियासी संग्राम में नहीं दिखेंगे।

इनका निधन हो चुका है। इनमें झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी, जगरनाथ महतो, कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद सिंह, भाजपा के लक्ष्मण गिलुआ, आजसू के राजकिशोर महतो आदि सम्मिलित हैं।

क्या होता है स्टार प्रचारक

चुनावों में पार्टियां ऐसे नेताओं और स्टार प्रचारकों को प्रचार में उतारती हैं, जिन्हें देखने और सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। ये अपने दमदार भाषण से अपनी पार्टी और प्रत्याशी के लिए वोट बटोरने का प्रयास करते हैं।कोई भी पार्टी अधिकतम 40 ऐसे नेताओं या सेलिब्रिटी को स्टार प्रचार बनाकर सूची चुनाव आयोग को देती है।

चुनाव प्रचार में इनका खर्च पार्टी के खर्च में जोड़ा जाता है। यदि किसी सभा में कोई प्रत्याशी भी शिरकत करता है या स्टार प्रचारक उसका नाम लेता है तो उस आयोजन पर हुआ खर्च प्रत्याशी के खर्च में सम्मिलित हो जाता है।

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