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Jharkhand News: 'शिक्षकों को ओल्ड पेंशन के तहत ही रखा जाए...' ऊहापोह में टीचर, अधर में राज्‍य की पेंशन योजना

रांची विश्वविद्यालय (रांची विवि) सहित राज्य के अन्य विवि के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी पेंशन योजना को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं। पुरानी और नई पेंशन योजना को लेकर 004 के बाद सेवा में आने वाले लगभग 6 हजार शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी पसोपेश में पड़े हुए हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम का मामला गत छह महीने से वित्त और कार्मिक विभाग में झूल रहा है।

By sanjay krishna Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 02 Apr 2024 01:43 PM (IST)
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ऊहापोह में अध्यापक, अधर में पेंशन योजना- जागरण।
जासं, रांची। रांची विश्वविद्यालय (रांची विवि) सहित राज्य के अन्य विवि के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी पेंशन योजना को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं। एक ओर पुरानी पेंशन योजना है और दूसरी ओर नई पेंशन योजना। 2004 के बाद सेवा में आने वाले लगभग 6 हजार शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी पसोपेश में पड़े हुए हैं।

पेंशन स्‍कीम को लेकर ऊपापोह की स्थिति

पिछले दिनों शिक्षक संघ जुटान के प्रतिनिधियों ने जगदीश लोहरा के नेतृत्व में जनजातीय कल्याण एवं परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ से मुलाकात कर अपनी मांगों को रखा था। इसके बाद मुख्यमंत्री को भी सात मार्च को ज्ञापन सौंपा था।

सीएम को बताया कि विवि शिक्षकों एवं कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम का मामला गत छह महीने से वित्त और कार्मिक विभाग में झूल रहा है। सरकार की पहल से राज्य के लगभग 10000 शिक्षकों, कर्मियों और उनके स्वजनों को सेवानिवृत्ति का लाभ मिल सकेगा।

संकल्‍प पत्र में इस बात का किया गया जिक्र

पिछले महीने 12 मार्च को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने एक संकल्प पत्र जारी किया। इसमें संस्कृत के स्नातक एवं इंटर के संस्कृत शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों के भविष्य निधि पेंशन सह उपादान के लाभ की बात थी।

यह भी उल्लेख किया गया था कि विवि एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं शिक्षकेतर कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा। यह लाभ संबंद्ध कालेज के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों को भी अनुमान्य होगा।

जुटान के संयोजक डा. कंजीव लोचन ने कहा कि सरकार के इस पत्र में स्पष्ट नहीं है। एक ओर यह पत्र संस्कृत अध्यापकों को संबोधित है। राज्य में सौ के आसपास संस्कृत के अध्यापक होंगे जबकि संस्कृत महाविद्यालयों से इतर अन्य महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों में करीब छह हजार।

नई बनाम पुरानी पेंशन योजना

डा. कंजीव लोचन कहते हैं कि नई पेंशन योजना भी खराब नहीं है। पुरानी पेंशन योजना में बेसिक पर दस प्रतिशत कटता था और नई में पूरे वेतन पर साढ़े 12 प्रतिशत कटने का प्राविधान है। इतनी ही राशि सरकार को देनी है। 2008 से इसे लागू किया जाता तो बात समझ में आती। इसे 2018 में प्रस्तुत किया गया।

तब तक न्यू पेंशन योजना के लिये 2008 में नियुक्त सभी शिक्षकों को करीब-करीब पांच से सात लाख रुपये जमा करने होते। इसके लिए एक एकाउंट खोलना था, जिसमें यह राशि जमा करनी थी और इसी एकाउंट में सरकार को भी समान राशि जमा करनी थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई सार्थक आश्वासन नहीं मिला।

डा. कंजीव ने कहा कि आज तक शिक्षकों के वेतन से कटौती ओल्ड पेंशन के माॅडल पर हो रही है। 2004 के बाद सेवा में आने वाले कई शिक्षक रिटायर भी कर गए। कई तो दुनिया से चले गए। ऐसे में वित्तीय प्रबंधन की दृष्टि से यही सही होगा कि सारे शिक्षकों को ओल्ड पेंशन के तहत ही रखा जाए। विडंबना यह भी है कि झारखंड सरकार राज्य कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम एक सितंबर 2022 से ही लागू कर चुकी है।

राजस्थान सरकार ने लागू की पुरानी पेंशन योजना

राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के सभी 15 विश्वविद्यालय के कुलसचिवों को पिछले साल 16 मई को अधिसूचना जारी कर पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है।

एक राज्य दो नियम

एक ओर सरकार अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू कर चुकी है। वहीं, विवि के लिए सरकार ऊहापोह में है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में विभिन्न स्तर के कुल 5,33,737 पद स्वीकृत हैं। इन स्वीकृत पदों के मुकाबले 1,83,016 पदों पर ही लोग कार्यरत हैं। लगभग एक लाख कर्मचारियों को इस योजना से जोड़ दिया गया है। शेष 83 हजार 2004 के पहले नियुक्त हुए होंगे।

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