किसकी है ये डिमांड... आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड की मांग पर मेघा उरांव ने उठाया सवाल
Jharkhand News झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने सवाल उठाया है कि आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड की मांग असल में किसकी मांग है? उन्होंने दो विकल्कप के तौर पर कैथोलिक चर्च मिशनरियों और आदिवासियों का नाम लिया। उन्होंने आगे कहा कि ईसाई कैथोलिक चर्च कहता है की सरना धर्म कोड पुरानी मांग है।
जागरण संवाददाता, रांची। आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड की मांग कैथोलिक चर्च मिशनरियों की है या आदिवासियों की। शनिवार को प्रेस बयान जारी करते हुए झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने यह बातें कही।
उन्होंने आगे कहा कि ईसाई कैथोलिक चर्च कहता है की सरना धर्म कोड पुरानी मांग है। सरकार जल्द से जल्द इसको पूरा करें वहीं पर पूर्व टीएसी सदस्य रतन तिर्की का कहना है कि प्रभाकर तिर्की ने सरना कोड का ड्राफ्टिंग किया और आर्च बिशप लोग सरकार को पत्र लिखा।
आदिवासियों को अलग धर्म कोड दिलाने के लिए दिलचस्पी क्यों
इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड को पारित कराकर केंद्र को भेजा। आखिर आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड दिलाने के लिए इतना दिलचस्पी क्यों।उन्होंने आगे कहा कि दूसरी बात ज्ञात होना चाहिए की वर्ष 2013 और वर्ष 2015 में अलग सरना धर्म कोड को भारत सरकार ने खारिज करते हुए कहा कि वर्ष 2001 की जनगणना में 100 जनजाति धर्म सहित विभिन्न धर्म पंथ दर्ज हुए हैं और मांग किया जा रहे हैं। जिसमें छह प्रमुख धर्म के समक्ष उनमें से प्रत्येक को अलग कोड आवंटित करना समुचित एवं व्यावहारिक नहीं होगा।
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