अलग धर्म कोड मिलने से अल्पसंख्यक हो जाएगा आदिवासी : मेघा उरांव
झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि अलग धर्म कोड मिलने से आदिवासी अल्पसंख्यक हो जाएंगे।
जागरण संवाददाता, रांची : एचईसी सेक्टर तीन में रविवार को झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा एवं उरांव जनजाति धर्म संस्कृति रक्षा मंच की ओर से बाबा कार्तिक उरांव की 96वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने 20 वर्ष की काली रात नामक जो पुस्तक लिखी उसमें अपनी पीड़ा को दर्शाया है। यह हम सभी के लिए एक पीड़ादायक है। अब समय आ गया है कि हम उनके अधूरे सपने को पूरा करें।
अलग सरना/आदिवासी धर्म कोड के मुद्दे पर मेघा उरांव ने कहा कि धर्म कोड आवंटित होगा तो आदिवासी ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध जैन की तरह अल्पसंख्यक हो जाएंगे। यही नहीं संविधान में जो आदिवासियों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं, अलग धर्म कोड मिलने से समाप्त हो सकता है। जनजातियों को मिलने वाली आरक्षण की सुविधाएं भी समाप्त हो सकती है। अलग धर्म कोड को लेकर जो नकली धर्म गुरु बयान दे रहे हैं वो ईसाई मिशनरियों के प्रभाव में आ कर दे रहे हैं।
आदिवासी समाज की बहनें भी लव जिहाद की हो रही हैं शिकार
पार्षद रोशनी खलखो ने कहा है कि हमें अपने पूर्वजों की परंपरा और कार्तिक उरांव की सोच और विचारों को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। हमारे आदिवासी समाज की बहनें भी लव जिहाद के शिकार हो रही हैं। लव जिहाद से समाज को बचाना होगा।
उपाध्यक्ष जय मंत्री उरांव ने कहा कि अभी झारखंड में धर्मांतरण कानून के रहते हुए भी आदिवासियों का छल कपट से धर्मांतरण हो रहा है और जनजाति आदिवासियों का हक ईसाई लोग उठा रहे हैं। इसके लिए सरकार को कानून बनाने की जरूरत है कि धर्मातरित आदिवासियों को आरक्षण क लाभ नहीं मिले। मौके पर राजू लकड़ा, रोपनी मिज, कुमुदिनी लकड़ा, सोमानी उरांव, बिरसा भगत, लुथरू उरांव, सुशीला उरांव, कावेरी उराव, लालमणि उरांव, बुटन महली, राजू उरांव, बबलू उरांव, सनी टोप्पो, पंचम उरांव राजेंद्र मुंडा, सोमरा कच्छप, संजय उरांव, पार्षद आनंदमूर्ति सिंह आदि उपस्थित थे।