राज ठाकरे की मुसलमानों को खुली चेतावनी... लाउडस्पीकर हटाओ, नहीं तो मस्जिदों के सामने बजाएंगे हनुमान चालीसा
Raj Thackeray Latest News महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की चेतावनी के बाद झारखंड के मुसलमानों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए राज ठाकरे सांप्रदायिक राजनीति कर रहे हैं लेकिन यह देश संविधान से चलेगा।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sun, 03 Apr 2022 05:25 PM (IST)
रांची, डिजिटल डेस्क। MNS chief Raj Thackeray महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में मस्जिदों से शीघ्र लाउडस्पीकर हटा लेने की चेतावनी दी है। ऐसा नहीं करने पर मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करने की धमकी दी है। राज ठाकरे ने कहा है कि मैं नमाज के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सरकार को मस्जिद के लाउडस्पीकर हटाने पर फैसला लेना चाहिए। मैं अभी चेतावनी दे रहा हूं... लाउडस्पीकर हटाओ, वरना मस्जिद के ठीक सामने लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा बजाएंगे। मनसे प्रमुख के इस बयान पर झारखंड के मुसलमानों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मुसलमानों ने राज ठाकरे के बयान को देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने वाला बताया है। कहा है कि मनसे प्रमुख की भाषा समाज में नफरत फैलाने वाली है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश में राज ठाकरे रांची के रहनेवाले मोहम्मद असलम शेख की मानें तो वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर राजनीतिक पार्टियां अभी से देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाना चाहती है, ताकि वोटों का ध्रुवीकरण हो सके। लोगों का ध्यान महंगाई और बेरोजगारी से हटाया जा सके। लोग केंद्र सरकार से सवाल पूछने की स्थिति में नहीं रहें। असलम शेख की मानें तो लाउडस्पीकर का इस्तेमाल सिर्फ मस्जिदों में ही नहीं हो रहा, बल्कि मंदिरों में भी हो रहा है। ऐसे में केवल मस्जिद को टारगेट करना शरारती कदम है।
महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने की कोशिश में ठाकरे रांची के हिंदपीढ़ी इलाके के रहने वाले अमजद आलम कहते हैं कि देश की सबसे बड़ी समस्या गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी है। इस बात को लेकर देश में राजनीति होनी चाहिए, ताकि देश का विकास हो सके। धर्म लोगों का निजी मसला है, इससे देश और समाज का कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में धर्म की बात करना ही बेमानी है। जो लोग धर्म की आड़ में राजनीति कर रहे हैं, उनकी मंशा ठीक नहीं है। वह देश को तोड़ना चाहते हैं। धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाना चाहते हैं। ऐसे शातिर नेताओं से जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।
पहले चुनावी जनसभाओं में लाउडस्पीकर पर लगे प्रतिबंध कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे आफाक आजम कहते हैं कि हमारा देश भारत संविधान से चलता है। संविधान की नजर में सभी धर्म बराबर की हैसियत रखते हैं। जो लोग धर्म के नाम पर उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी नीयत ठीक नहीं है। ऐसे लोगों से समाज को सर्तक रहना चाहिए। मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल चंद मिनट के लिए पांच बार किया जाता है। इससे ज्यादा लाउडस्पीकर का इस्तेमाल तो शादी विवाह और नेताओं की चुनावी जनसभाओं में होता है। पहले चुनावी जनसभाओं में प्रतिबंध लगना चाहिए। कहा, मनसे प्रमुख की मंशा ठीक नहीं है।
भारतीय राजनीति में मात खाए खिलाड़ी हैं राज ठाकरे रांची के कांटा टोली रोड में बाइक बनानेवाले मोहम्मद हुसैन कहते हैं कि मनसे प्रमुख की महाराष्ट्र में ही अब कोई औकात नहीं रही। उन्हें खुद हिन्दू समाज के लोग ही स्वीकार नहीं कर रहे हैं। वह चंद दिनों तक उत्पात मचा सकते हैं, लेकिन बहुत कुछ करने की उनकी औकात नहीं है। वह राजनीति में मात खाए खिलाड़ी हैं। अपने संगठन को जिंदा रखने के लिए तरह-तरह का उत्पाती बयान देते रहते हैं। लोग उनकी राजनीति से वाकिफ हैं। अब उनकी राजनीति खत्म हो चुकी है। यह देश डा भीम राव अंबेडकर के बनाए संविधान से चलता है। इसलिए उनके बयान मेरे लिए मायने नहीं रखते हैं। उनकी धमकियों से यह देश खुद ही निपट लेगा।
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