MS Dhoni से 15 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने दिया ये आदेश, आरोपी की मुश्किलें बढ़ीं
MS Dhoni भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के साथ धोखाधड़ी करने वाली अरका स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड एंड मैनेजमेंट लिमिटेड के मिहिर दिवाकर सौम्या दास एवं उसकी कंपनी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलेगा। रांची सिविल कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय की अदालत ने 15 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में मिहिर दिवाकर सहित तीनों के खिलाफ संज्ञान लिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के साथ धोखाधड़ी करने वाली अरका स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड एंड मैनेजमेंट लिमिटेड के मिहिर दिवाकर, सौम्या दास एवं उसकी कंपनी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलेगा।
रांची सिविल कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय की अदालत ने 15 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में मिहिर दिवाकर सहित तीनों के खिलाफ संज्ञान लिया है। संज्ञान लेने के बाद अदालत ने आरोपितों की उपस्थिति को लेकर समन जारी किया है।
इन पर धोनी को 15 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है। अदालत ने छह मार्च को सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। यह शिकायतवाद धोनी (Dhoni) की ओर से सीमांत लोहानी ने दर्ज कराया है।
दर्ज शिकायतवाद पर पांच जनवरी को धोनी के प्रतिनिधि सीमांत लोहानी का बयान शपथ पत्र पर दर्ज किया गया, जिसमें उन्होंने मिहिर दिवाकर एवं सौम्या दास के ऊपर लगाए आरोपों के बारे में बताया था। आगे की सुनवाई में शिकायतकर्ता की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किया गया था।
धोनी के प्रतिनिधि ने 2023 में किया मुकदमा
एमएस धोनी (MS Dhoni) ने अपने प्रतिनिधि सीमांत लोहानी को मुकदमा दर्ज करने का अधिकार दिया है, जिसके बाद धोनी के प्रतिनिधि सीमांत लोहानी ने 27 अक्टूबर 2023 को उक्त मुकदमा दर्ज कराया। इसमें कहा गया है कि मिहिर दिवाकर ने कथित तौर पर दुनिया भर में क्रिकेट अकादमी खोलने के लिए साल 2017 में एमएस धोनी (Dhoni0 के साथ एक समझौता हुआ था। समझौते के बाद उसे फ्रेंचाइजी दिया गया था।समझौते के तहत धोनी को लाभ का 70 फीसदी भुगतान करना था, लेकिन समझौते के सभी नियम और शर्तों पालन नहीं किया गया। जब धोनी (Dhoni) को इसकी जानकारी हुई तो समझौते को अगस्त 2021 में वापस ले लिया। इसके बावजूद आरोपितों ने एमएस धोनी (MS Dhoni) क्रिकेट अकादमी खोले जा रहे थे।इसके बाद धोनी ने उनलोगों को कानूनी नोटिस भेजा, जिसका जवाब भी दिया गया, लेकिन अकादमी खोलना बंद नहीं हुआ। इससे 15 करोड़ रुपये की आर्थिक क्षति हुई है। यह मुकदमा धोखाधड़ी, विश्वासघात, जाली कागजात तैयार करके फर्जीवाड़ा करने सहित अन्य आरोपों के तहत किया गया है।
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