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Nano Urea: नैनो यूरिया बदल देगी खेती की सूरत... बंपर उत्पादन से बढ़ेगी आमदनी... जानिए, झारखंड के लिए कितना फायदेमंद

Nano Urea Liquid Fertilizer मृदा वैज्ञानिक डा ओंकार नाथ सिंह कहते हैं कि नौनो यूरिया पर किए गए शोध परिणाम उत्साहजन रहे हैं। झारखंड के किसान अपने खेतों में इसका प्रयोग कर सकते हैं। इससे बंपर उत्पादन होने की संभावना है। किसानों को डरने की जरूरत नहीं।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sun, 29 May 2022 11:39 AM (IST)
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Nano Urea: नैनो यूरिया बदल देगी खेती की सूरत... बंपर उत्पादन से बढ़ेगी आमदनी... जानिए, झारखंड के लिए कितना फायदेमंद

रांची, जासं। मृदा वैज्ञानिकों द्वारा लगातार तीन वर्षों तक के शोध में नैनो यूरिया का फसल पर प्रभाव बेहतर एवं उत्साहजनक पाया गया है। राज्य के किसान काफी जागरूक हैं। लाभ दिखने पर किसी तकनीक को अपनाने में हिचकिचाते नहीं हैं। नैनो यूरिया एक तरल उर्वरक है इसके उपयोग से उर्वरक लागत में कमी व अधिक उपज मिलने के साथ-साथ प्रदूषण का प्रभाव भी कम पाया गया है। इसके प्रयोग से अन्य उर्वरकों की उपयोगिता क्षमता एवं उपज क्षमता में बढ़ोतरी के साथ फसल गुणवत्ता में सुधार भी देखा जा रहा है। उक्त बातें बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा ओंकार नाथ सिंह ने कही। उन्हाेंने कहा कि सही मायने में नैनो यूरिया तरल उर्वरक आने वाले वर्षों में झारखंड के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। राज्य में इस उर्वरक का फसलों पर प्रभाव का प्रदर्शन अधिक से अधिक किसानों के खेतों में किए जाने की जरूरत है।

10-15 प्रतिशत तक बढ़ी पैदावार

बीएयू के मृदा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवं इफको नैनो उर्वरक शोध कार्यक्रम के परियोजना अन्वेषक डा डीके शाही ने बताया कि विभाग में वर्ष 2019-20 से इफको नैनो यूरिया का गेहूं फसल पर पड़ने वाले प्रभाव का अनुसंधान कर रहा है। तीन वर्षों के शोध में इस उर्वरक के प्रभाव का परिणाम बढ़िया रहा है। उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत रासायनिक एवं 25 प्रतिशत जैविक खाद में उर्वरकों के प्रयोग के साथ 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर चूना के प्रयोग से अच्छी उपज मिल रही है। बुआई के समय प्रयोग के बाद यूरिया की जगह दो बार नैनो यूरिया उर्वरक के छिड़काव से उपज में 10-15 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। साथ ही भूमि पर इसके कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिले। शोध परिणाम के मुताबिक, नैनो यूरिया 50 प्रतिशत तक दानेदार यूरिया को री-प्लेस कर सकता है। 50 प्रतिशत दानेदार यूरिया के प्रयोग के साथ नैनो यूरिया का दो बार छिड़काव करने से अच्छी फसल तैयार हो रही है। इसमें पहला छिड़काव बुआई के 30 दिनों के बाद तथा इसके ठीक 20 दिनों बाद दूसरा छिड़काव किया गया। इस उपचार से फसल उपज में 10 से 15 प्रतिशत तक पैदावार बढ़ी। उन्होंने कहा कि यह छिड़काव साफ मौसम में सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जा सकता है।

सभी फसलों के लिए फायदेमंद

नैनो यूरिया का प्रयोग सभी फसलों पर किया जा सकता है। फसलों की पत्तियों में स्टोमाटा खुला रहता है, जो नैनो यूरिया के कण को अवशोषित करता है। पत्तियों के माध्यम से यह कण पौधे के अन्य भागों में पहुंच जाता है। इफको ने देश के 20 शोध केंद्रों एवं 11 हजार किसानों के खेतों में तकनीकी परीक्षण के बाद इस तरल उर्वरक को किसानों के लिए लांच किया है। इस तरल उर्वरक का एक बोतल करीब एक बोरी यूरिया के बराबर है। एक बैग दानेदार यूरिया का मूल्य 2600 रुपये है और सब्सिडी के उपरांत यह 266 रुपये प्रति बैग की दर से किसानों को मिलता है। जबकि एक बोतल नैनो तरल यूरिया का मूल्य 240 रुपये है, जो एक बैग दानेदार यूरिया के बराबर होता है। इसके उपयोग से कृषि उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि, जल, वायु एवं मृदा प्रदूषण में कमी के साथ उपज की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

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