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दारोगा मीरा सिंह व ASI सुनील सिंह के खिलाफ क्‍या जांच हुई? NHRC ने SSP से मांगी रिपोर्ट, यह है मामला

ईडी ने कल यानी कि बीते मंगलवार को दारोगा मीरा सिंह से लंबी पूछताछ की। 21 मार्च को उनके व उनके करीबी जमीन कारोबारी सह कांग्रेस नेता लाल मोहित नाथ शाहदेव के ठिकानों पर छापामारी हुई थी। 12.50 लाख रुपये नकद व आठ मोबाइल तथा कुछ अन्य दस्तावेज मिले थे। इसके अलावा चतरा के युवक विकास सिन्हा से बर्बरता पूर्वक पिटाई मामले में भी रिपोर्ट मांगा गया है।

By Dilip Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 03 Apr 2024 08:46 AM (IST)
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दारोगा मीरा सिंह से कल ईडी ने लंबी पूछताछ की।
राज्य ब्यूरो, रांची। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने रांची के एसएसपी को पत्र भेजकर चतरा के युवक विकास सिन्हा से बर्बरता पूर्वक पिटाई मामले में अब तक हुई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने जानना चाहा है कि तुपुदाना ओपी की तत्कालीन प्रभारी दारोगा मीरा सिंह व एएसआइ सुनील सिंह के विरुद्ध लगे आरोपों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है।

एसएसपी से पहले भी रिपोर्ट मांग चुका है आयोग

आयोग ने इस मामले में नौ मई तक रिपोर्ट तलब की है। पूर्व में भी आयोग ने एसएसपी से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की थी। गत 11 मार्च को भेजी गई रिपोर्ट में एसएसपी ने चतरा के युवक विकास सिन्हा को चोरी के संदेह में उठाने व बर्बरता पूर्वक पिटाई मामले में बताया था कि पूरे मामले की जांच अभी लंबित है।

यह भी बताया था कि दारोगा मीरा सिंह व एएसआइ सुनील सिंह के विरुद्ध वरीय पुलिस पदाधिकारी से जांच कराई गई थी, जिसमें दोनों दोषी पाए गए थे। इसके बाद ही दोनों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित किया गया था, जो अब तक लंबित है। एसएसपी के इस जवाब पर अब आयोग ने आगे की जानकारी मांगी है।

विकास सिन्हा का नहीं लिया ऑनलाइन FIR

रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने गत 11 मार्च को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को जो जवाब भेजा है, उसमें धुर्वा थाना कांड संख्या 16/2023 का जिक्र किया है। यह केस चोरी का है, जिसमें नम्रता गुप्ता नामक महिला के घर में चोरी हुई थी।

इसी केस में तुपुदाना की तत्कालीन ओपी प्रभारी मीरा सिंह व एएसआइ सुनील सिंह पर विकास सिन्हा नामक एक गार्ड को उठाकर उसके साथ बर्बरता पूर्वक पिटाई का आरोप लगा था।

मारपीट में जख्मी विकास सिन्हा ने दारोगा मीरा सिंह व एएसआइ सुनील सिंह के विरुद्ध ऑनलाइन एफआइआर किया था, जिस पर प्राथमिकी ही दर्ज नहीं की गई।

विकास सिन्हा के ऑनलाइन एफआइआर में सिर्फ प्रारंभिक जांच कराई गई थी। आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में विकास सिन्हा के ऑनलाइन एफआइआर को छुपाया गया है।

मोबाइल से मिले डिजिटल साक्ष्य 

दारोगा मीरा सिंह से ईडी ने मोबाइल से मिले डिजिटल साक्ष्य के आधार पर मंगलवार को लंबी पूछताछ की है। उनके व उनके करीबी जमीन कारोबारी सह कांग्रेस नेता लाल मोहित नाथ शाहदेव के ठिकानों पर 21 मार्च को छापामारी हुई थी।

इस छापामारी में ईडी को 12.50 लाख रुपये नकद व आठ मोबाइल तथा कुछ अन्य दस्तावेज मिले थे। मोबाइल में मिले वाट्सएप चैट व डिजिटल साक्ष्य में बालू तस्करी से संबंधित कई साक्ष्य मिले थे। ईडी ने वाट्सएप चैट के आधार पर भी लंबी पूछताछ की है।

ईडी ने अवैध कमाई का हिस्सा कहां-कहां पहुंचा आदि से संबंधित तथ्यों पर भी जानकारी ली है। ईडी ने यह जानना चाहा है कि तुपुदाना ओपी क्षेत्र में कहां-कहां अवैध तरीके से जमीन की घेराबंदी कराई गई है, किसका सहयोग मिला। ईडी ने दारोगा मीरा सिंह से आय-व्यय व चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी मांगा है।

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