जानिए, क्यों होता है किसी व्यक्ति को कुष्ठ रोग, किस तरह आप बच सकते हैं इस बीमारी से
यह रोग मुख्य रूप से मानव त्वचा ऊपरी श्वसन पथ की श्लेष्मिका परिधीय तंत्रिकाओं आंखों और शरीर के कुछ अन्य भागों को प्रभावित करता है। कुछ लोग कुष्ठ रोग को वंशानुगत या दैवीय प्रकोप मानते है लेकिन यह रोग न तो वंशानुगत है और न ही दैवीय प्रकोप है
By Madhukar KumarEdited By: Updated: Sun, 30 Jan 2022 09:34 AM (IST)
रांची, डिजिटल डेस्क। कुष्ठ रोग माइकोबैक्टिरिअम लेप्राई और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस जैसे जीवाणुओं की वजह से होता है। इसकी खोज 1873 में हन्सेन ने की थी इसलिए इसे 'हन्सेन रोग' भी कहा जाता है।
इस रोग का जिक्र भारतीय ग्रंथों में किया गया है। यह रोग मुख्य रूप से मानव त्वचा, ऊपरी श्वसन पथ की श्लेष्मिका, परिधीय तंत्रिकाओं, आंखों और शरीर के कुछ अन्य भागों को प्रभावित करता है। कुछ लोग कुष्ठ रोग को वंशानुगत या दैवीय प्रकोप मानते है, लेकिन यह रोग न तो वंशानुगत है और न ही दैवीय प्रकोप है, बल्कि यह रोग जीवाणु द्वारा होता है। यदि ग्रसित व्यक्ति दवा ले रहा हो तो यह रोग संक्रामक भी नहीं।
यदि समय पर उपचार किया जाये तो इसके फैलाव व शारीरिक विकृति से बचा जा सकता है।कुष्ठ रोग के संकेत व लक्षण
1.त्वचा पर घाव होना2. त्वचा के रंग और स्वरूप में परिवर्तन3.त्वचा पर किसी भी चुभन का असर नहीं होना।4. शरीर का विशेष भाग सुन्न हो जाना। कुष्ठ रोग के बारे में फैली हुईं भ्रातियां * कुछ लोग मानते हैं कि हैं कि कुष्ठ रोग वंशानुगत होता है, लेकिन कुष्ठ रोग वंशानुगत नहीं है।
* कुछ लोगों का मानना है कि कुष्ठ रोग दैवीय प्रकोप, अनैतिक आचरण, अशुद्ध रक्त, पूर्व जन्म के पाप कर्मों आदि कारणों से होता है, जबकि दैवीय प्रकोप, अनैतिक आचरण, अशुद्ध रक्त, पूर्व जन्म के पाप कर्मों से कुष्ठ रोग का होना केवल भ्रातियां हैं इनकी तरफ लोगों को ध्यान नहीं देना चाहिए।* कुछ लोगों का विश्वास है कि कुष्ठ रोग केवल स्पर्श मात्र से हो जाता है, लेकिन यह भी कुष्ठ रोग के बारे में बहुत बड़ी भ्रांति है।
* कुछ लोग मानते हैं कि कुष्ठ रोग अत्यंत संक्रमणशील है, लेकिन यह भी कुष्ठ रोग के बारे में फैला हुआ भ्रम है बल्कि कुष्ठ रोग के ऊपर किए गए अनुसंधानों में पाया गया है कि 80 प्रतिशत लोगों में कुष्ठ रोग असंक्रामक होता है, शेष 20 प्रतिशत कुष्ठ पीड़ितों का इलाज सही समय से हो जाए तो कुष्ठ रोग कुछ ही दिनों में असंक्रामक हो जाता है।* कुछ लोग समझते हैं कि कुष्ठ रोग लाइलाज है, लेकिन इस रोग के संबंध में लोगों में यह गलत धारणा है। आज कुष्ठ रोग का इलाज संभव है। यदि लक्षण दिखते ही कुष्ठ रोग का उपचार शुरू कर दिया जाए तो इस रोग से मुक्त होना निश्चित है।
कुष्ठ उपचारित दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत सुविधा और अधिकारों के हकदार हैं। आइये हम सभी कुष्ठ रोग से जुड़ीं भ्रांरियों को मिटाने में अपना योगदान दें।
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