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Cyber Fraud: कई लोगों से लाखों ठग चुका नटवरलाल, कभी बैंककर्मी तो कभी नौकरी दिलाने वाला बनकर बनाता है शिकार

Jharkhand News मोहन कुमार नटवरलाल कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है। पुलिस का कहना है कि आरोपित मोहन कुमार ने बरियातू में रहने वाले अतुल को झांसा में लिया था। मोहन कुमार को झांसे में लेकर उससे तीस लाख रुपये लेने के बाद फरार हो गया था। नटवरलाल ने ठगी के कई तरीके अपना रखे हैं ।

By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 10 Dec 2023 01:11 PM (IST)
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Cyber Fraud: कई लोगों से लाखों ठग चुका नटवरलाल, कभी बैंककर्मी तो कभी नौकरी दिलाने वाला बनकर बनाता है शिकार

जागरण संवाददाता, रांची। बरियातू थाना क्षेत्र में रहने वाले अतुल प्रभात को झांसा में लेकर तीस लाख रुपये उड़ाने वाला ठग मोहन कुमार नटवरलाल निकला। आरोपित मोहन कुमार झारखंड के अलग-अलग जिला में रहने वाले लोगों को निशाना बना चुका है।

पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मोहन कुमार ने हजारीबाग और गोला में रहने वाले बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर चुका है। पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपित मोहन करोड़ों रुपये उड़ा चुका है।

हजारीबाग और गोली में रहने वाले कई लोगों ने पुलिस से संपर्क किया है और बताया है कि मोहन कुमार ने कैसे उन्हें झांसा में लेकर उनका पैसा लेकर फरार हो चुका है। इस मामले में रांची पुलिस जल्द ही हजारीबाग और गोला जाएगी।

आरोपित हजारीबाग का रहने वाला है। पुलिस आरोपित के घर गई थी लेकिन वह फरार है। आरोपित का मोबाइल भी बंद है इस वजह से पुलिस को उसका लोकेशन नहीं मिल पा रहा है। रांची पुलिस ने आरोपित का डिटेल दूसरे जिला की पुलिस को भेजा है ताकि आरोपित की गिरफ्तारी हो सके।

टेंडर दिलाने के नाम पर उड़ा लिए थे तीस लाख रुपये

पुलिस का कहना है कि आरोपित मोहन कुमार ने बरियातू में रहने वाले अतुल को झांसा में लिया था। मोहन कुमार को झांसे में लेकर उससे तीस लाख रुपये लेने के बाद फरार हो गया था। आरोपित ने खुद को भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा, कचहरी ब्रांच का कर्मचारी बताया था। लेकिन पुलिस की ओर से जांच की गई तो पता चला है कि आरोपित बैंक का कर्मचारी नहीं था।

उस समय मोहन ने अतुल को बताया था कि वह भारतीय स्टेट बैंक में टेंडर दिलवाने का भी काम करता है। उसने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं में कैंटीन खोलने के लिए टेंडर निकलने वाला है वह टेंडर दिला सकता है। कैंटीन के लिए निकलने वाले टेंडर के बारे में उससे होने वाले फायदा के बारे में बताते हुए बताया कि प्रति शाखा की कैंटीन में 5 लाख रुपये लगेगा। इसके बाद अतुल ने पैसा दे दिया था।

अलग-अलग तरीकों से की जा रही साइबर ठगी

शहर में साइबर अपराधी सक्रिय हैं। अलग-अलग तरीकों से ठग रहे हैं। कुछ माह में कई आइपीएस अधिकारियों का फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर झांसे में ले रहे हैं। फर्जी प्रोफाइल बना अपने दोस्त का फर्नीचर बेचने का झांसा दे रहे हैं। सभी ठग एक जैसे एसएमएस करते हैं। इसके अलावा आनलाइन सामान रिटर्न कराने, बच्चों को पढ़ाने के नाम पर झांसे में ले खाते से पैसा निकाल ले रहे हैं।

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