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झारखंड में नक्सलियों का शहीदी सप्ताह शुरू, सुरक्षाबलों ने बढ़ाई चौकसी; चौतरफा घेरने की तैयारी

झारखंड में भाकपा माओवादी ने नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में शहीदी सप्ताह मनाने का फैसला किया है। शहीदी सप्ताह शुरू हो चुका है। नक्सलियों ने पोस्टर और पंपलेट के जरिये दहशत फैलाने की कोशिश की है। नक्सलियों की बंद को लेकर इसके खिलाफ सुरक्षा बलों का चौतरफा एक्शन जारी है। इसका नेतृत्व राज्य के प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता कर रहे हैं।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Sun, 28 Jul 2024 05:51 PM (IST)
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नक्सलियों ने शहीद सप्ताह बुलाया। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में नक्सलियों का शहीदी सप्ताह शुरू हो चुका है। भाकपा माओवादी ने अपने शीर्ष नक्सली चारू मजूमदार व कन्हाई चटर्जी के मारे जाने के विरोध में 28 से तीन अगस्त तक शहीद सप्ताह बुलाया है। इसके लिए नक्सलियों ने पोस्टर व पंपलेट के माध्यम से दहशत फैलाने का प्रयास किया है।

नक्सलियों की बंद को देखते हुए राज्य के प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता के नेतृत्व में नक्सलियों के विरुद्ध संयुक्त सुरक्षा बलों की चौतरफा कार्रवाई जारी है। राज्य में नक्सली संगठन कुछ भागों में ही सिमट कर रह गए हैं।

शहीदी सप्ताह के दौरान नक्सली हमले की आशंका को देखते हुए पर्याप्त संख्या में संयुक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। पुलिस को सूचना है कि नक्सली सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ये सड़क, रेल की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं।

चाईबासा के सारंडा, कोल्हान, सरायकेला, लातेहार, चतरा गया बोर्डर, पारसनाथ में संयुक्त सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं। नक्सली विशेष कर रेल मार्ग व सड़क पर छोटी-मोटी घटनाओं के माध्यम से अपना अस्तित्व बचाने का प्रयास करते हैं।

पुलिस ने बरामद किए नक्सली पोस्टर व आइईडी

चाईबासा के कोल्हान सारंडा क्षेत्र में सुरक्षा बलों को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से लगाए गए आइईडी व नक्सली पोस्टर को पुलिस ने बरामद किया है। इसी दौरान चाईबासा के टोंटो थाना क्षेत्र के तुंबाहाका क्षेत्र में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लगाए गए पांच किलोग्राम के आइईडी को पुलिस ने बरामद कर लिया है।

खुद को बचाने के लिए नक्सलियों ने जो आइईडी लगाए, उससे ग्रामीणों को क्षति पहुंचती रही है। झारखंड पुलिस ने जारी बयान में बताया है कि जनाधार कम होने से नक्सली बौखलाहट में हैं। वे अपना वजूद बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ लेवी वसूली रह गया है।

पूर्व में विफल हो चुका है नक्सलियों का बंद

गत 25 जुलाई को नक्सलियों ने एक करोड़ के इनामी विवेक की पत्नी हार्डकोर नक्सली 25 लाख की इनामी जया उर्फ चिंता की गिरफ्तारी के विरोध में झारखंड बंद बुलाया था। इसे सुरक्षा बलों ने विफल कर दिया था।

हाल के दिनों में पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण कई कुख्यात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है या पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं। झारखंड पुलिस ने बचे हुए नक्सलियों से अपील की है कि वे आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापस लौटें।

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