झारखंड में अंतिम सांसे गिन रहे नक्सलियों की नई चाल, हथियार खरीदने के लिए अब यहां से इकट्ठा कर रहे हैं पैसे
झारखंड में नक्सली हथियार की खरीदारी और संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में दिन-राज जुटे हुए हैं। चूंकि अब इनके पास लेवी का पैसा आना करीबत्करीब बंद हो गया है इसलिए ये दूसरा रास्ता अपना रहे हैं। झारखंड में उग्रवादी संगठन अफीम के कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं ताकि इसकी तस्करी से आए पैसे का उपयोग संगठन की मजबूती के लिए कर रहे हैं।
अफीम तस्करी के पैसे से संगठन को मजबूती
जेल में बंद पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप ने दिया निर्देश
लंबे समय तक पुलिसिया कार्रवाई के बाद पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को पकड़कर जेल भेजने में सफलता मिली। दिनेश गोप के जेल जाने के बाद माना जा रहा था कि पीएलएफआइ की कमर टूट गई और यह प्रतिबंधित संगठन अब खत्म होने की ओर है।लेवी वसूलने में हो रही परेशानी
पीएलएफआइ के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संगठन के पास लेवी का पैसा आना करीब करीब बंद हो गया है। दिनेश गोप के जेल जाने के बाद यह प्रतिबंधित संगठन बिखराव के दौर से गुजर रहा है। संगठन के सुप्रीमो दिनेश गोप अफीम की खेती से प्राप्त पैसों से हथियार खरीद कर संगठन को फिर से मजबूत बनाने का निर्देश संगठन के अपने करीबियों को दिए हैं।पुलिस के बड़े अधिकारियों को किया गया अलर्ट
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि विशेष शाखा को नक्सली संगठनों की योजना के बारे में जानकारी मिली है। इस जानकारी के मिलने के बाद विशेष शाखा की ओर से गोपनीय पत्र पुलिस के बड़े अधिकारियों एवं जिले के पुलिस कप्तानों को भेजा गया है। पत्र में उग्रवादियों द्वारा अफीम की खेती एवं उसे प्राप्त पैसों से हथियार खरीदकर संगठन को मजबूत करने की बात कही गई है। पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया गया है कि अफीम की खेती का विनाश किया जाए एवं इसकी तस्करी में लगे तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। रांची खूंटी जिले में करोड़ों रुपये का कारोबार हो रहा है। वही पलामू पुलिस सूत्रों के अनुसार वहां भी बड़े पैमाने पर अफीम का कारोबार किया जा रहा है।पलामू में सक्रिय उग्रवादी व नक्सली संगठनों की शह पर अफीम की खेती ग्रामीणों के माध्यम से कराई जा रही है। उससे मिले पैसों से हथियार खरीद कर संगठन को मजबूत करने का एवं दहशत पैदा करने की योजना बनाई गई है ताकि लेवी वसूली में आसानी हो और लोगों में दहशत फैलाई जा सके। पलामू पुलिस भी अफीम खेती के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर रही है।हाइवे के लाइन होटल एवं ढाबों में डोडा एवं अफीम की तस्करी
राज्य के हाईवे किनारे स्थित लाइन होटलों एवं ढाबों में लंबी दूरी चलने वाले माल वाहक वाहनों ट्रक एवं कंटेनरों के चालकों को ढाबों में अफीम मुहैया कराई जा रही है। साथ ही उन कंटेनर में डोडा एवं अफीम की तस्करी भी धड़ल्ले से हो रही है।गिरिडीह जिले के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने शनिवार को मिली गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली-कोलकाता हाईवे स्थित बगोदर थाना क्षेत्र के राजस्थानी तुलसी ढाबा में छापेमारी कर अफीम बरामद की। ढाबा संचालक अशोक कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। ढाबा संचालक ने काफी लंबे समय से अपने ढाबे में कारोबार होने की बात स्वीकार की। उसने अपने भाई एवं अन्य स्वजन के माध्यम से चतरा एवं खूंटी से अफीम व डोडा मंगवाने की बात भी स्वीकार की है।मामले की तह तक जाने के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। गिरिडीह पुलिस इस मामले में अफीम तस्करों के विरुद्ध बड़ी सफलता की ओर बढ़ रही हैजिले के दर्जनों लोग अफीम के साथ पकड़े गए
खूंटी जिले के तत्कालीन एसपी मनोज रतन चौथे ने हजारीबाग शहर में दर्जनों लोगों को चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों में अफीम की तस्करी करते हुए पकड़ा था। उनमें अधिकतर लोग खूंटी जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र के निवासी थे। उनलोगों के पास से लगभग 20 किलो अफीम बरामद की गई थी। सभी हजारीबाग जेल में बंद है।यह भी पढ़ें: मातम में बदली खुशियां, बेटी की डोली से पहले उठी पिता की अर्थी; ऐसे हुआ बड़ा हादसा यह भी पढ़ें: शादी के नाम पर बार-बार बनाता था शारीरिक संबंध, प्रेमी के झूठ के आगे हारी प्रेमिका, पटरी पर चलती ट्रेन के आगे...पूर्व में भी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार व अन्य प्रदेशों के लोगों की खूंटी, चतरा आदि जिलों में अफीम की खेती कराने में संलिप्तता सामने आई है। यह भी जानकारी है कि उग्रवादी संगठनों की संलिप्तता अफीम की खेती कराने में रहती है। सभी एसपी को निर्देश दिया गया है कि अफीम की खेती के पीछे जो लोग हैं चाहे वे उग्रवादी, माओवादी या अन्य, उनके विरुद्ध तह तक जाकर जानकारी लें और कार्रवाई करें। मुख्यालय से यह निर्देश जारी किया गया है कि जरूरत पड़े तो भाड़े पर ट्रैक्टर लेकर जाएं और जहां-जहां अफीम की खेती हो रही है वहां उसे नष्ट किया जाए- अनूप बिरथरे, डीआइजी रांची।