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Jharkhand News: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज होगा रद, हेमंत सोरेन का आदेश, 30 वर्षों से चल रहा था आंदोलन

Jharkhand Latest News मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बड़ी पहल की है। नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित नहीं करने का निर्णय लिया है। 1964 में शुरू हुआ था नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज। झारखंड के हजारों आदिवासी पिछले 30 साल से इसके खिलाफ आंदोलनरत थे।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Wed, 17 Aug 2022 08:09 PM (IST)
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Netarhat Field Firing Range: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का अब अवधि विस्तार नहीं होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Netarhat Field Firing Range Jharkhand नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का अवधि विस्तार नहीं होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस आशय का निर्णय किया है। उन्होंने फायरिंग रेंज के अवधि विस्तार के प्रस्ताव को विचाराधीन प्रतीत नहीं होने के बिंदु पर अनुमोदन दिया है। 1964 में शुरू हुए नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का तत्कालीन बिहार सरकार द्वारा 1999 में अवधि विस्तार किया गया था। मुख्यमंत्री ने जनहित को ध्यान में रखते हुए नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को फिर से अधिसूचित नहीं करने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की है।

इसलिए फायरिंग रेंज का विरोध कर थे लोग

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के विरोध में लातेहार जिला के करीब 39 राजस्व ग्रामों द्वारा आमसभा के माध्यम से राज्यपाल और राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा गया था। इसमें नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज से प्रभावित ग्रामीणों द्वारा बताया गया था कि लातेहार व गुमला जिला पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आता है। यहां पेसा एक्ट -1996 लागू है, जिसके तहत ग्राम सभा को संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। इसी के तहत नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के प्रभावित इलाके के ग्राम प्रधानों ने प्रभावित जनता की मांग पर ग्राम सभा का आयोजन कर नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के लिए गांव की सीमा के अंदर की जमीन सेना के फायरिंग अभ्यास के लिए उपलब्ध नहीं कराने का निर्णय लिया था।

राकेश टिकैत भी आए थे आंदोलन के समर्थन में

आंदोलनकारियों ने राज्यपाल को ज्ञापन देकर कहा था कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना को आगे और विस्तार न कर विधिवत अधिसूचना प्रकाशित कर परियोजना को रद कर दिया जाए। कुछ माह पहले आदिवासियों ने इस फायरिंग रेंज के विरोध में पद यात्रा और जनसभा का आयोजन किया था। इस जनसभा में किसान नेता राकेश टिकैत भी संबोधित करने के लिए झारखंड आए थे। उन्होंने भी आंदोलनकारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फायरिंग रेंज को विस्तार नहीं देने की मांग की थी।

ग्रामीण आदिवासी 30 वर्ष से कर रहे थे विरोध

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज से प्रभावित ग्रामीण आदिवासी लगभग 30 वर्षो से लगातार नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना को रद करने के लिए आंदोलनरत थे। फायरिंग रेंज के विरोध में 22-23 मार्च को विरोध- प्रदर्शन किया गया था। हेमंत सोरेन सरकार के इस कदम से आंदोलन का अब पटाक्षेप हो जाएगा।

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