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राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के यात्री को मिठाई में मिला काकरोच, रेल मंत्रालय को टैग कर टवीट करने पर मिला ये जवाब

Indian Railways नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे यात्री को मिठाई में काकरोच मिला। जिसके बाद यात्री ने रेल मंत्रालय भारत सरकार के आधिकारिक टवीटर हैंडल को टैग कर टवीट कर शिकायत की। जिसके बाद रेल सेवा की तरफ से जवाब मिला है।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay KumarUpdated: Mon, 28 Nov 2022 02:18 PM (IST)
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Indian Railways: राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के यात्री को मिठाई में मिला काकरोच।

रांची, जासं। Indian Railways ट्रेनों की एयर कंडिशन बोगियों में पहले चूहों का आतंक रहता था, अब कॉकरोच का आंतक छाया रहता है। यही कारण है कि यात्री रात में चैन की नींद सो नहीं पाते हैं। न खाना ठीक ढंग से खा पाते हैं। यही हाल नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे यात्री के संग देखने को मिला। जब आरएसी बी-10, बर्थ नंबर 39 पर सफर कर रहे यात्री ने रेल मंत्रालय, भारत सरकार के आधिकारिक टवीटर हैंडल को टैग कर टवीट कर शिकायत की कि ट्रेन में जो मिठाई दी गई उसमें काकरोच था। इस पर यात्री ने आपत्ति भी जताई।

यात्री का कहना था कि यह लापरवाही यात्रियों को बीमार कर सकता है। ऐसी लापरवाही के बीच यात्रियों को खाना दिया जाता है। उनका कहना था कि दिनोंदिन खाने की गुणवत्ता और साफ-सफाई को लेकर गिरावट दर्ज हो रही है। यात्री का पीएनआर नंबर 2832712360 नंबर है। कुछ यात्री तो काकरोच के डर से सो भी नहीं पाएं।

इसके जवाब में रेलवे ने कहा कि आवश्यक कार्रवाई हेतु संबंधित अधिकारी को अवगत कराया गया है। अब यह देखना होगा कि आइआरसीटीसी के द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है।

कुछ दिन पहले हटिया-हावड़ा क्रियायोग एक्सप्रेस का वीडियो हुआ था वायरल

कुछ दिनों पहले हटिया-हावड़ा क्रियायोग एक्सप्रेस की एसी बोगी बी-5 में कॉकरोच का वीडियो रेल मंत्रालय को ट्वीट कर शेयर किया गया था। वहीं रांची से दिल्ली जा रही गरीब रथ ट्रेन की एसी बोगी में काफी संख्या में कॉकरोच का वीडियो रेल मंत्रालय को ट्वीट कर भेजा गया था।

यात्री संदीप नागपाल ने कहा था कि कॉकरोच के साथ-साथ यात्री को गंदा बेडरोल दिया जा रहा है। ट्रेनों में गंदगी रहती है और सफाई नहीं हो रही है। अब बेडरोल भी गंदा दिया जा रहा है। वहीं कॉकरोच को मारने के लिए केमिकल का छिड़काव भी नहीं हो रहा है। जबकि संबंधित एजेंसी को 80 लाख रुपये तीन साल के लिए दिया जाता है। इसके बावजूद ट्रेनों में काकरोच और चूहों का आतंक जारी है।