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अरका सम्राट का व्यंजन लजीज, आमद में लाजवाब

देसी टमाटर खाने के शौकीन हैं तो अरका सम्राट टमाटर चख कर देखिए।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 24 Dec 2020 06:05 AM (IST)
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अरका सम्राट का व्यंजन लजीज, आमद में लाजवाब

नीलमणि चौधरी रांची : देसी टमाटर खाने के शौकीन हैं तो अरका सम्राट टमाटर चख कर देखिए। खट्टापन में देसी टमाटर को भी मात देता है। यही नहीं साइज भी बिल्कुल देसी टमाटर जैसा ही है। स्वाद बेहतर होने के कारण टमाटर की नई किस्म की सब्जी बाजार में विशेष मांग है। स्वाद देसी जैसा जबकि उपज और भंडारण हाइब्रिड टमाटर जैसा है। यही नहीं मोटी परत वाले हाइब्रिड टमाटर की तरह यह गलता भी बहुत देर से है। इस कारण अरका सम्राट टमाटर आम ग्राहकों के साथ-साथ सब्जी विक्रेताओं की पहली पसंद बनी हुई है। अरका सम्राट को भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरू द्वारा तैयार किया गया है। रामकृष्ण मिशन के दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र में तीन सालों के ऑन फार्म ट्रायल में झारखंड की जलवायु के लिए अरका सम्राट बेहतर पाया गया। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर

करीब तीन वर्षो के शोध में सामने आया है कि अरका सम्राट साल के तीनों मौसम में हाइब्रिड की तुलना में बेहतर उपज तो देती ही है साथ ही पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कहीं ज्यादा है। देसी टमाटर की तरह इसका छिलका भी पतला है जिससे खाना बनाते समय पकने में ज्यादा समय नहीं लगता है। दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र रांची और आसपास के किसानों को इस नई किस्म के टमाटर की खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इस साल अनगड़ा, ओरमांझी, चान्हो आदि प्रखंडों के पांच हेक्टेयर भूमि पर इस टमाटर की खेती की जा रही है। जल्द नहीं लगते रोग, उपज भी बेहतर

दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र कीकृषि वैज्ञानिक नेहा रंजन के अनुसार अरका सम्राट का रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य किस्मों की अपेक्षा बेहतर है। बरसात और ठंड के पत्ती मोड़क, उकठा, झुलसा रोग से फसल चौपट हो जाता है। शोध में सामने आया है कि अरका सम्राट इन रोगों से लड़ने में काफी सक्षम होता है। निरंतर देखभाल नहीं भी हो तो पर भी उपज पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है। उपज की बात करें तो प्रति एकड़ 40-50 टन टमाटर उपजता है। दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र से प्राप्त कर सकते हैं बीज

अरका सम्राट टमाटर का बीज झारखंड में अभी सिर्फ दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र में ही मिलता है। किसान यहां से बीज प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलेरू से भी किसान बीज मंगवा सकते हैं। इसमें 20 दिन से एक माह तक का समय लग सकता है। क्या कहते हैं किसान

स्वाद और गलने की अवधि ज्यादा होने के कारण ग्राहक इसे अधिक पसंद कर रहे हैं। इस कारण सब्जी विक्रेता अन्य किस्मों की टमाटर की बजाय अरका सम्राट खोजते हैं। कीमत भी पांच-सात ज्यादा मिलते हैं। खास बात यह है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने के कारण फसल उगाने का खर्च भी कम पड़ता है।

गणपति लोहरा, काटंगदिरी, बुढ़मू

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