झारखंड में NIA की एक और बड़ी कार्रवाई, 1 करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा सहित 5 के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी
झारखंड के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल मिसिर बेसरा सहित पांच अपराधियों पर एनआईए ने शिकंजा कसा है। मिसिर बेसरा पर एक करोड़ रुपये का इनाम है। एनआईए ने इनामी मिसिर बेसरा सहित पांच के विरुद्ध दर्ज की है। मामला टेरर फंडिंग से जुड़ा है। दरअसल हाल ही में जंगल से 10.50 लाख रुपये कैश वॉकी-टॉकी जिलेटिन सहित कई आपत्तिजनक वस्तु बरामद हुए थे। इसी मामले में एनआईए ने कार्रवाई की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में टेरर फंडिंग से संबंधित विभिन्न मामलों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की रांची शाखा ने इस वर्ष की दूसरी प्राथमिकी दर्ज की है। पश्चिम सिंहभूम के टोंटो थाने में इसी वर्ष 24 मार्च 2024 को दर्ज केस को टेकओवर करते हुए एनआईए रांची ने 29 जुलाई को यह प्राथमिकी दर्ज की है।
इसमें एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा, 25 लाख के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य अजय महतो उर्फ बुधराम, अपटन, राजेश देवगम तथा मुठभेड़ में मारे गए कांडे उर्फ दिरिसुम को आरोपित बनाया गया है।
पूरा मामला टोंटो थाना क्षेत्र से हुसिपी और राजाभासा गांवों के बीच जंगल से 10 लाख 50 हजार रुपये नकदी, वाकी-टाकी, टेबलेट, पावर बैंक, रेडियो सेट, लेवी बरामदगी की रसीद, जिलेटिन स्टीक, नेक बैंड आदि की बरामदगी से से संबंधित है।
यह बरामदगी पूर्व में गिरफ्तार नक्सलियों के सहयोगी राजेश देवगम की निशानदेही पर जंगल से हुई थी। सभी रुपये व सामान प्लास्टिक के जार में रखकर जमीन के भीतर छिपाए गए थे।
एनआईए के अनुसार माओवादी उन रुपयों से अपने नक्सली संगठन का विस्तार करते और सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी हथियार व विस्फोटक क्षमता को बढ़ाते। इससे पहले सुरक्षा बलों ने उसे बरामद कर लिया था।
नक्सली राजेश देवगम ने बताया था लेवी के रुपयों का पता
एनआईए ने दर्ज प्राथमिकी में लिखा है कि पश्चिम सिंहभूम के टोंटो थाना क्षेत्र से वर्ष 2023 में एक नक्सली राजेश देवगम पकड़ा गया था। अपनी गिरफ्तारी के बाद उसने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि टोंटो थाना क्षेत्र के ही हुसिपी व राजाबासा गांव के बीच जंगल में एक पहाड़ी के पास लगभग दस लाख रुपये व अन्य सामान हैं।
ये रुपये एक करोड़ के इनामी माओवादी मिसिर बेसरा ने माओवादियों के स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य 25 लाख के इनामी अजय महतो उर्फ बुधराम, अपटन, कांडे को दिया था। इसकी सुरक्षा व निगरानी की जिम्मेदारी राजेश देवगम को दी गई थी। उन सभी सामान को राजेश देवगम ने जमीन में छिपाया था।इसके बाद राजेश देवगम की निशानदेही पर ही टोंटो पुलिस की टीम व सीआरपीएफ 60 बटालियन की क्विक रिस्पांस टीम ने 23 मार्च 2024 को सर्च के दौरान रुपये, विस्फोटक व अन्य सामान बरामद किए थे।
सभी रुपये व सामान 20 लीटर के ब्लू प्लास्टिक के जार में रखकर जमीन खोदकर रखा गया था और उसे मिट्टी से ढक दिया गया था।यह भी पढ़ें-टेरर फंडिंग मामले में NIA का एक्शन जारी, कुख्यात नक्सली रवींद्र गंझू से जुड़े कई ठिकानों पर मारा छापा
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