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Lok Sabha Election 2024: भाजपा का खेल बिगाड़ने झारखंड आ रहे नीतीश कुमार, बिहार CM इन वोटों में लगा सकते हैं सेंध

लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक हलचलें तेज होती जा रही है। चुनाव को लेकर देश भर की सियासी पार्टियां एक्टिव मोड में है। इसी तरह झारखंड में भी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा जनवरी की ठंड में भी हाई हो गया। बिहार के मुख्यमंत्री 21 जनवरी को रामगढ़ में सभा करने आ रहे हैं।

By Dibyanshu Kumar Edited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 07 Jan 2024 05:03 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: भाजपा का खेल बिगाड़ने झारखंड आ रहे नीतीश कुमार

राज्य ब्यूरो, रांची। लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारी में लगी भारतीय जनता पार्टी को झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद के अलावा जदयू की भी चुनौती मिल रही है। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार 21 जनवरी को रामगढ़ में सभा करने वाले हैं।

आइएनडीआइए गठबंधन में नीतीश कुमार अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए जहां झारखंड में जदयू का प्रभाव बढ़ा रहे हैं तो वहीं, भाजपा कुर्मी वोट बैंक को बचाने में लगी है।

झारखंड में आजसू से भाजपा का गठबंधन है और इस पार्टी के साथ कुर्मी मतदाताओं का बड़ा वर्ग रहता है, लेकिन नीतीश कुमार के बड़े कद को देखते हुए भाजपा इस वोट बैंक को बचाने में अतिरिक्त प्रयास करने में लगी है।

जेपी पटेल को मिली है बड़ी जिम्मेदारी

भाजपा मे मांडू से विधायक जेपी पटेल को विधानसभा में सचेतक बनाया है। जेपी पटेल का परिवार कुर्मी समाज के बीच राजनीतिक रूप से प्रतिष्ठित रहा है। उनके पिता टेकलाल महतो झामुमो के बड़े नेता रहे हैं। इसके अलावा जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, रांची विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार अमर चौधरी जैसे नेताओं के जरिए भी भाजपा कुर्मी मतदाताओं में पैठ बढ़ा रही है।

बाबूलाल मरांडी-सुदेश महतो की संयुक्त सभा संभव

झारखंड में भाजपा और आजसू पिछले लोकसभा चुनाव में साथ मिलकर लड़े थे। हालांकि, विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच समझौता नहीं हो पाया था। अब इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए आजसू एनडीए के पक्ष में मजबूती से खड़ी है। पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने नीतीगत मामलों में एनडीए के पक्ष में लगातार बयान दिए हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले एकजुटता का संदेश देने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और आजसू प्रमुख सुदेश महतो की संयुक्त सभा हो सकती है। इसके जरिए नीतीश कुमार की झारखंड में सक्रियता का असर कम करने की कोशिश होगी।

भाजपा आजसू का गठबंधन लोकसभा की चार और विधानसभा की 15 से अधिक सीटों पर असरदार हो सकता है।

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