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झारखंड में एक तीर से दो निशाना लगाएंगे नीतीश कुमार, पार्टी के इस कदम की आहट दिल्ली तक; क्या चुनाव में होगा खेला?

Jharkhand Assembly Election 2024 झारखंड विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी झारखंड में में कवायद तेज कर दी है। अपने पुराने मित्र और पूर्व मंत्री सरयू राय के साथ जोड़ी बनाकर वह झारखंड में जदयू की जड़ें मजबूत कर सकते हैं। वहीं अपनी इस रणनीति से वह भाजपा पर दबाव भी बना सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 18 Jul 2024 10:21 PM (IST)
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नीतीश कुमार और पीएम मोदी (जागरण फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी झारखंड में में कवायद तेज कर दी है। अपने पुराने मित्र और पूर्व मंत्री सरयू राय के साथ जोड़ी बनाकर वह झारखंड में जदयू की जड़ें मजबूत कर सकते हैं। यानी कहें तो एक तीर से दो निशाना लगाना चाहते हैं नीतीश कुमार।

पहला निशाना- भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश?

वहीं, अपनी इस रणनीति से वह गठबंधन में भाजपा पर सीटों को लेकर दबाव भी बना सकते हैं। सरयू राय लगातार इस बात की घोषणा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी भारतीय जनतांत्रिक मोर्चा (भाजमो) झारखंड में 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें उन्हें जदयू का भी समर्थन हासिल है।

दूसरा निशाना- झारखंड में अपनी पैठ फिर से मजबूत करना

वह झारखंड में आइएनडीआइए और एनडीए के अलावा तीसरे मोर्चे को भी प्रभावी बनाने की बात कह रहे हैं। उधर, नीतीश कुमार चाहते हैं कि जनता दल (यूनाइटेड) अपनी पुरानी स्थिति में वापस लौटे। झारखंड में 2014 से पहले जदयू अभी से बेहतर स्थिति में था और विभिन्न सरकारों में जदयू की सहभागिता रही थी। दल में कई कद्दावर चेहरे थे, लेकिन अब जदयू के समक्ष फिर से खड़े होने की चुनौती है।

झारखंड में JDU-BJP में तालमेल प्रभावी नहीं रहता:  सरयू राय

सरयू राय ने कहा कि केंद्र और बिहार में जदयू और भाजपा के बीच तालमेल है, लेकिन झारखंड में यह तालमेल प्रभावी नहीं रहता। सरयू राय भी इस बात को दोहरा रहे हैं कि झारखंड में जदयू का भाजपा से कोई गठबंधन नहीं है। इसलिए हम लोग यहां तीसरे मोर्चे के तौर पर लड़ेंगे। राज्य में जदयू के साथ सबसे बड़ी कमी प्रभावी चेहरे की है।

खीरू महतो को प्रदेश अध्यक्ष इसी उद्देश्य से बनाया गया था कि वह संगठन का विस्तार करेंगे, लेकिन उनसे अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाईं। राज्य सरकार के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की नीतीश कुमार से लगातार मुलाकात ने इस दिशा में संभावनाएं बढ़ाई हैं। सरयू राय के मुताबिक साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।

अगर उनके दल भारतीय जनतंत्र मोर्चा के जदयू में विलय की नौबत आई तो वह विचार-विमर्श कर निर्णय करेंगे। राय ने हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से भी मुलाकात की है। यशवंत सिन्हा और सरयू राय एक साथ भारतीय जनता पार्टी में काम कर चुके हैं। दोनों के बीच बेहतर तालमेल भी है।

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