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NIMT में 18 सितंबर तक चलेगा अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला, जल्द मिलेगा आटोनोमस बाडी का दर्जा

International Workshop in NITM नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलाजी (NITM) व फ्यूचरिस्टिक एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलाजी फोरम आफ इंडिया की ओर से अभियंता दिवस पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। यह कार्यशाला 18 सितंबर तक चलेगा। क्या है इसका उद्देश्य जानिए....

By Sanjay KumarEdited By: Updated: Fri, 16 Sep 2022 01:58 PM (IST)
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International Workshop in NITM: एनआईएमटी में अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ।
रांची, जासं। International Workshop in NITM नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलाजी (एनआईएमटी) व फ्यूचरिस्टिक एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलाजी फोरम आफ इंडिया की ओर से अभियंता दिवस पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही ई-कचरा को पुन प्रयोग कर उसका इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया। बताया गया कि कैसे री-मैन्यूफैक्चरिंग प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जाए। इसे लेकर सरकार स्पलाई चेन पर काम कर रही है ताकि अधिक से अधिक ई- कचरे को लाया जा सके और उसे नए कलेवर के साथ बाजार में उतारा जाए। इससे 80 प्रतिशत तक लागत में बचत होगी, साथ ही पर्यावरण सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान होगा।

इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डा सुभाष सरकार ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम ई-कचरा को फेंके नहीं। एक टूथ ब्रश की तरह अब ये इलेक्ट्रानिक्स गैजेट भी कई बार री-मैन्यूफैक्चर कर इसे प्रयोग में लाया जा सकेगा।

15 से 18 सितंबर तक चलेगा कार्यशाला, देश-विदेश से आए विशेषज्ञ करेंगे विचार प्रकट

इस दौरान मेयर आशा लकड़ा, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, शाम एच अर्जुनवाडकर, अजय चौधरी व प्रो पीपी चट्टोपाध्याय, विधायक नवीन जायसवाल ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर शाल व स्मृति चिन्ह देकर अतिथियों का सम्मान किया गया। इसके बाद निदेशक प्रो पीपी चट्टोपाध्याय ने अपने संस्थान की उपलब्धियां गिनाई। साथ ही तीन दिवसीय कार्यशाला के बारे जानकारी दी। यह कार्यशाला 15 से 18 सितंबर तक चलेगा। री-मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बिल्डिंग...विषय पर मौजूद वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए।

निदेशक ने बताया कि कार्यशाला में उत्पाद जीवन चक्र डिजाइन, परिपत्र आपूर्ति श्रृंखला, परीक्षण, मूल्यांकन, पुनर्विनिर्माण में भूतल इंजीनियरिंग का अनुप्रयोग, एडवांस मशीनिंग और हाइब्रिड रीमैन्युफैक्चरिंग, बुद्धिमान पुनर्विनिर्माण आदि विषयों पर देश-विदेश से आए विशेषज्ञ अपना विचार प्रकट करेंगे। जिसका लाभ यहां के विज्ञानियों व छात्र छात्राओं को मिलेगा।

जल्द पूरी होगी स्वायत्त संस्था की मांग

1966 में स्थापित इस संस्था को अब तक स्वायत्तता नहीं मिलने का मामला भी केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री के सामने उठा। जिस पर उन्होंने कहा कि जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है। इसे लेकर विभागीय स्तर पर कार्य को अंतिम रुप दिया जा रहा है। मंत्रालय से पारित होने के बाद एनआईएमटी को स्वायत्तता मिल जाएगी। इसके बाद यहां के छात्र छात्राओं को डिग्री के लिए या फिर सत्र देरी की शिकायत नहीं रहेगी।

मौके पर सभी मौजूद कर्मियों ने बताया कि इतने वर्षों बाद भी हमारे यहां से पास आउट छात्र छात्राओं को डिग्री के लिए झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी का ही सहारा है। सत्र में देरी की वजह से छात्र छात्राओं को समय पर डिग्री नहीं मिल पाती है। कई बार तो इसका खामियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है।

कार्यशाला में देश विदेश से शामिल होंगे विशेषज्ञ

कार्यशाला में स्वीडन, सिंगापुर और यूनाइटेड किंगडम आदि देशों के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। जो पुराने कीमती सामानों को नए सिरे से इस्तेमाल में किस तरह से लाएं के बारे जानकारी देंगे। साथ ही ई-स्क्रैप के बारे भी अपना अनुभव साझा करेंगे।

री-मैन्यूफैक्चरिंग कर 90 प्रतिशत पानी बचाया जाएगा

संस्थान के निदेशक प्रो पीपी चट्टोपाध्याय बताते हैं कि यह एक ऐसी क्रांति हाेगी जिसमें एनआईएमटी को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि री-मैन्युफैक्चरिंग टेक्नालाजी से आम इंसान तक को राहत मिलेगी। यदि कोई अपनी पुरानी मोबाइल फोन या लैपटाप को एडवांस बनाना चाहता है तो इसके माध्यम से यह संभव हो सकेगा। इसके अलावा इस तकनीक से पुन निर्माण होने वाले उत्पाद की कीमत 80 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। साथ ही 70 प्रतिशत तक कम लागत आएगा। इसके अलावा 60 प्रतिशत तक ऊर्जा, 70 प्रतिशत सामग्री, 90 प्रतिशत पानी की बचत होगी। 80 प्रतिशत प्रदूषण कम भी होगा, जो पर्यावरण को बचाने में सबसे बेहतर साबित हो सकता है।

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