साहिबगंज अवैध खनन मामले में अब नहीं होगी CBI जांच, High Court ने इस वजह से लगाई रोक; दिया ये निर्देश
Jharkhand News झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में साहिबगंज स्थित नींबू पहाड़ क्षेत्र में अवैध खनन मामले में चल रही सीबीआइ जांच के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने जांच पर रोक लगाते हुए सीबीआइ को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई नौ फरवरी को निर्धारित की गई है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में साहिबगंज स्थित नींबू पहाड़ क्षेत्र में अवैध खनन मामले में चल रही सीबीआइ जांच के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने जांच पर रोक लगाते हुए सीबीआइ को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मामले में अगली सुनवाई नौ फरवरी को निर्धारित की गई है। बता दें कि सरकार की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सीबीआइ जांच को चुनौती दी गई थी।
इधर, सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सरकार का पक्ष रखा। सरकार की ओर से कहा गया कि हाई कोर्ट ने 18 अगस्त 2023 को सीबीआइ को नींबू पहाड़ क्षेत्र में हुए अवैध खनन की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि यदि सीबीआइ को जांच में तथ्य मिले तो वह इसपर उचित निर्णय ले सकती है।
मामले में कई और बिंदुओं को भी उठाया गया
इसके बाद सीबीआइ ने जांच प्रारंभ कर दी। जांच प्रारंभ करने से पहले सीबीआइ ने न तो राज्य सरकार से अनुमति ली है और न ही किसी न्यायालय ने ही जांच का आदेश दिया है। सीबीआइ राज्य सरकार के मामले में बिना किसी अनुमति के जांच नहीं कर सकती।
अदालत को यह भी बताया गया कि इस आदेश के खिलाफ इस मामले के एक आरोपित पंकज मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि हाई कोर्ट को सीबीआइ को प्रारंभिक जांच करने का निर्देश देने का अधिकार नहीं है। इस मामले में कई और बिंदुओं को भी उठाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने चार दिसंबर को सुनवाई करते हुए सीबीआइ जांच पर रोक तो नहीं लगाई थी, लेकिन मामले की सुनवाई लंबित है। इस कारण जब तक सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश नहीं आता है, तब तक सीबीआइ जांच पर रोक लगा देनी चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने सीबीआइ जांच पर रोक लगा दी।
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साहिबगंज के नींबू पहाड़ क्षेत्र में विजय हांसदा ने अवैध खनन किए जाने का ग्रामीणों के साथ विरोध किया था। लेकिन, अवैध खनन में शामिल लोगों ने अपने सरकारी अंगरक्षकों के सहारे सभी को वहां से भगा दिया। इसके बाद विजय हांसदा ने थाने में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव और सुभाष मंडल के खिलाफ लिखित शिकायत की थी। थाने में कार्रवाई नहीं होने पर विजय हांसदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच का आग्रह किया था। बाद में विजय हांसदा ने कोर्ट में एक आवेदन दायर कर अपनी मूल याचिका वापस लेने की अपील की। इसमें यह कहा गया कि उसने यह याचिका दायर नहीं की थी। जिस वक्त याचिका दायर की गई थी, उस वक्त वह जेल में था। किसी ने उसके नाम पर यह याचिका दायर कर दी है। अदालत ने याचिका वापस लेने का आवेदन रद्द कर दिया और सीबीआइ को प्रारंभिक जांच का निर्देश दिया था।ये भी पढ़ें: ED की पूछताछ से पहले हो रही बड़ी साजिश! BJP नेता ने हेमंत सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, कर दी ये मांगये भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड में RJD का महामंथन आज, जुटेंगे पार्टी के दिग्गज नेता; तय होगी आगे की रणनीति