कोई भी जन्म से अपराधी नहीं होता, जेल से रिहा होने के बाद कैदियों ने लिया संकल्प
Chatra News मनुष्य जन्मजात अपराधी नहीं होता। विपरीत परिस्थितियों व सामाजिक हालात लोगों को अपनी जीवन शैली बदलने पर विवश कर देते हैं। कोई हालात का मारा होता है तो कोई अपने स्वेच्छा से अपराध का मार्ग चुनता है।
By Madhukar KumarEdited By: Updated: Thu, 27 Jan 2022 04:09 PM (IST)
चतरा, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जेल अदालत का आयोजन किया गया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश सिंह की अध्यक्षता में आयोजित जेल अदालत में विभिन्न तीन मामले में जेल में बंद चार बंदी रिहा किए गए।
रिहा किए गए ये कैदी
रिहा किए गए कैदियों में सदर थाना कांड संख्या 12/2022 के अभियुक्त दशरथ पांडेय, सदर थाना कांड संख्या 832/2018 के अभियुक्त महादेव यादव, सिमरिया थाना कांड संख्या 04/2022 के अभियुक्त अब्दुल अंसारी व गुलाम अंसारी शामिल है। मौके पर न्यायिक अधिकारियों ने बंदियो को कानूनी जानकारी दी। कहा कि बंदी हमारे भाई हैं जो किन्ही कारणों से मुख्यधारा से भटक कर आज जेल में बंद हैं। उन्होंने बंदियों से अपने आपराधिक छवि को सुधारते हुए जेल से निकलने के बाद समाज मे अमन-चैन स्थापित करते हुए अपना जीवन व्यतीत करने की बात कही।
शांतिपूर्ण जीवन बिताने का संकल्प लिया
उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्मजात अपराधी नहीं होता। विपरीत परिस्थितियों व सामाजिक हालात लोगों को अपनी जीवन शैली बदलने पर विवश कर देते हैं। कोई हालात का मारा होता है तो कोई अपने स्वेच्छा से अपराध का मार्ग चुनता है। ऐसे में हम सभी को समाज मे प्रेम-भाव का वातावरण जागृत कर समाज से भटके हमारे भाई-बंधु को मुख्यधारा में वापस लाने की जरूरत है। माैके पर न्यायिक पदाधिकारी लक्ष्मीकांत, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव मो. उमर, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सदिश बेक, पैनल अधिवक्ता जगन्नाथ पंडित, अधिवक्ता निर्मल कुमार दांगी, सौम्या सिन्हा, जेल अधीक्षक एवं अन्य न्यायिक कर्मी मौजूद थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।