Noise Pollution: झारखंड में बढ़ा ध्वनि प्रदूषण, रांची में स्थिति बेहद खराब; यहां जानें अपने शहरों का हाल
दीवाली के दिन झारखंड में ध्वनि प्रदूषण की स्थिति खराब हो गई। रांची में शांत क्षेत्र ओल्ड हाईकोर्ट डोरंडा में 90.6 डेसिबल तक शोर रिकॉर्ड किया गया जो अनुमान्य सीमा 50 डेसिबल से अधिक है। अल्बर्ट एक्का चौक में 85.4 डेसिबल तक शोर रिकॉर्ड किया गया। झारखंड स्टेट पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पहले ही 125 डेसिबल से अधिक आवाज वाले पटाखे नहीं फोड़ने की अपील की थी।
कुमार गौरव, रांची। पूरा शहर गुरुवार को दीवाली के जश्न में डूबा था। उसी दौरान झारखंड स्टेट पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड शहर के चार विभिन्न जोन में पटाखे की आवाज और प्रदूषण का स्तर माप रहा था। बोर्ड ने पहले ही पटाखे फोड़ने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया था।
125 डेसिबल से अधिक आवाज वाले पटाखे नहीं फोड़े जाने की अपील की थी। शहर में निर्देशों का जमकर उल्लंघन हुआ। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार दीवाली की रात शांत क्षेत्र घोषित ओल्ड हाईकोर्ट डोरंडा में शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच 90.6 डेसिबल तक शोर रहा। यह सर्वाधिक था।
इसके बाद अल्बर्ट एक्का चौक पर इतने समय में ही 85.4 डेसिबल तक रिकॉर्ड किया गया। सिर्फ एक सप्ताह पूर्व यानी 24 अक्टूबर को इन दोनों क्षेत्रों में क्रमश: 80.3 और 81.4 डेसिबल ध्वनि रिकॉर्ड की गई थी।
समझा जा सकता है कि ओल्ड हाईकोर्ट एरिया में करीब दस डेसिबल तक की ध्वनि जबकि अल्बर्ट एक्का चौक पर करीब 4 डेसिबल तक ध्वनि में वृद्धि हुई। झारखंड स्टेट पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने निर्देश में कहा था कि जितना हो सके, ग्रीन पटाखे ही जलाएं।
दीवाली के दिन दो घंटे यानी रात आठ से दस बजे तक ही पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई। बोर्ड के अनुसार राज्य के सभी जिलों के बेहतर और संतोषप्रद श्रेणी में आने वाले शहरी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता स्तर की सीमा 125 डेसिबल तय की गई है।
हालांकि, सर्वे रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए हैं उसे संतोषजनक तो कहा जा सकता है लेकिन धूलकण और जहरीली गैस के स्तर ने चिंता बढ़ा दी है।
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बोर्ड द्वारा शहर के चार हिस्सों में सर्वे कराया गया। तुपुदाना इंडस्ट्रियल एरिया (इंडस्ट्रियल एरिया), ओल्ड हाईकोर्ट डोरंडा रांची (शांत क्षेत्र), अल्बर्ट एक्का चौक (वाणिज्यिक क्षेत्र) और अशोक नगर (आवासीय क्षेत्र) में ध्वनि प्रदूषण के स्तर की निगरानी कराई। शांत क्षेत्र हाईकोर्ट के पास ही सर्वाधिक 90.6 डेसिबल तक शोर रिकॉर्ड किया गया जबकि यहां 50 डेसिबल तक शोर मान्य था। दीवाली के दिन वायु प्रदूषण की स्थिति और भी खराब हो गई। दीवाली के बाद ध्वनि प्रदूषण अनुमान्य सीमा से 44 प्रतिशत तक अधिक रिकॉर्ड किया गया।इन चार लोकेशन में बांटकर हुआ सर्वे
- लोकेशन ए : तुपुदाना इंडस्ट्रियल एरिया
- लोकेशन बी: ओल्ड हाईकोर्ट डोरंडा रांची
- लोकेशन सी : अल्बर्ट एक्का चौक रांची
- लोकेशन डी : अशोकनगर रांची
ये हैं धूलकण के स्तर के मानक
- 0 से 50 प्रतिशत : अच्छा
- 51 से 100 प्रतिशत : संतोषजनक
- 101 से 200 प्रतिशत : खराब
- 201 से 300 प्रतिशत : खतरनाक
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