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Jharkhand: अब बच्‍चे बताएंगे उन्‍हें कौन-सी पुस्‍तकें पढ़नी हैं, शिक्षकों से भी ली जाएगी राय

Jharkhand News स्कूलों की लाइब्रेरी में किताबें उपलब्ध करायी जा सकेंगी। विशेषकर एनसीईआरटी की पुस्तकें बाजार में उपलब्ध नहीं रहने के कारण छात्रों को परेशानी होती है। यह समस्या अब भी बनी हुई है। इससे बच्‍चों को परेशानी होती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Tue, 10 Nov 2020 08:43 AM (IST)
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छात्र खुद ही पुस्‍तकों का चयन करेंगे।

रांची, जासं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग सभी शिक्षकों और नौवीं से 12वीं तक के छात्रों से राय लेगा कि कौन सी पुस्तकें उन्हें पढ़नी हैं। छात्र खुद ही इसका चयन करेंगे। इससे पढ़ाई के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ेगी। प्रत्येक विषय की पुस्तकों पर बच्चों की राय मिलने के बाद ही बच्चों के लिए पुस्तकें स्कूलों की लाइब्रेरी में उपलब्ध कराई जा सकेंगी, जहां बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे।

बच्चों की राय से अब पुस्तकें लाइब्रेरी में मिलने लगेंगी। इसके बाद पुस्तकों के नहीं मिलने वाली समस्या से बहुत हद तक निजात मिल सकेगी। अमूमन स्कूलों की लाइब्रेरी में पुस्तकों का अभाव शुरू से ही रहा है। विशेषकर एनसीईआरटी की पुस्तकें बाजार में उपलब्ध नहीं रहने के कारण छात्रों को परेशानी होती है। यह समस्या अब भी बनी हुई है। इससे बच्चों की पढ़ाई में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग सभी पाठ्यक्रम अपने पोर्टल पर अपलोड करेगा।

कक्षा नौवीं से लेकर 12वीं तक के सभी पाठ्यक्रम अपलोड किए जाएंगे। इसके बाद विभाग इन कक्षाओं में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं से उनकी राय लेगा। यही नहीं, छात्र अब पोर्टल में ही अपलोड पुस्तकों के बारे में अपने फीडबैक दे सकेंगे। साथ ही इसमें शिक्षकों की भूमिका भी अहम होगी। पहले चरण में नौवी से 12वीं तक के बच्चों को अपनी राय देने की अनुमति दी गई है। पहले चरण में सीनियर विंग के छात्रों से फीडबैक लेने के बाद दूसरे चरण में जूनियर विंग के बच्चों की पुस्तकों को पोर्टल पर अपलोड कर राय मांगी जाएगी, तो इसमें शिक्षकों की राय अधिक महत्वपूर्ण होगी।

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