Jharkhand News: सुरक्षा अभियान से टूटी नक्सलियों की कमर... अब चुनाव में नहीं होगा खौफ! जानें क्या हैं मौजूदा हालात
वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड में नक्सली समस्या बड़ा फैक्टर था और कई इलाके जैसे लातेहार लोहरदगा सरायकेला-खरसांवा पलामू गढ़वा पश्चिम सिंहभूम खूंटी बोकारो सिमडेगा चतरा गिरिडीह गुमला व रांची के अधिकतर क्षेत्रों में नक्सलियों का प्रभाव था। बता दें कि बीते लोकसभा चुनाव में सरायकेला-खरसांवा जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र में कुकड़ूहाट में नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया था।
राज्य ब्यूरो, रांची। Naxalite News: वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नक्सली समस्या बड़ा फैक्टर था। बूढ़ा पहाड़ जो अब नक्सलियों से मुक्त हो चुका है, उस वक्त नक्सलियों के कब्जे में था।
लातेहार, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, सरायकेला-खरसांवा, बोकारो, गिरिडीह, पश्चिम सिंहभूम, खूंटी, सिमडेगा, चतरा, गुमला व रांची के अधिकतर क्षेत्रों में नक्सलियों का प्रभाव था।
पुलिस दल पर किया था हमला
उस वक्त भी बहुत हद तक नक्सलियों पर नकेल की कोशिश हुई थी, लेकिन वे बीच-बीच में अपनी उपस्थित दर्ज करा देते थे। उस लोकसभा चुनाव में सरायकेला-खरसांवा जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र स्थित कुकड़ूहाट मेंनक्सलियों ने पुलिस गश्ती दल पर हमला कर दिया और पांच जवानों की हत्या कर उनके हथियार लूट लिए थे। इस हमले का मास्टरमाइंड दस लाख का इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक भी आत्मसमर्पण के बाद जेल में है।
हमले में हुए थे ये जवान शहीद
इतना ही नहीं, वर्ष 2019 के नवंबर महीने में नक्सलियों ने लातेहार के चंदवा थाना क्षेत्र के लुकैया मोड़ पर पुलिस गश्ती पार्टी पर अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें एक पदाधिकारी व गृह रक्षा वाहिनी के तीन जवान बलिदान हो गए थे।आज अधिकतर जिलों में नक्सलियों का प्रभाव नहीं के बराबर है। सीपीआइ माओवादी, पीएलएफआइ के बड़े-बड़े नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया और कई गिरफ्तार भी हुए। लगातार सुरक्षा बलों के अभियान से नक्सलियों की कमर टूटी है। अग्रिम कतार ध्वस्त है। ज्यादातर ने घुटने टेक दिए, मारे गए या जेलों में बंद हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।एक जनवरी 2020 से दिसंबर 2023 अब तक नक्सल विरोधी अभियान के दौरान उपलब्धि
- कुल 1716 गिरफ्तार हुए। इनमें एक पोलित ब्यूरो सदस्य, एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य, दो रीजनल कमेटी सदस्य, 18 जोनल कमांडर, 40 सब जोनल कमांडर तथा 66 एरिया कमेटी सदस्य शामिल हैं। इन नक्सलियों के विरुद्ध तीन करोड़ 64 लाख रुपये का इनाम घोषित था। - आत्मसमर्पण : कुल 74 ने आत्मसमर्पण किया। इनमें एक स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य, पांच रीजनल कमांडर, छह जोनल कमांडर, 20 सब जोनल कमांडर व 17 एरिया कमेटी सदस्य हैं। इन नक्सलियों पर दो करोड़, 11 लाख रुपये का इनाम घोषित था।- नक्सली मारे गए : कुल 40 नक्सली मारे गए। इनमें दो स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य, दो रीजनल कमेटी सदस्य, एक जोनल कमांडर, पांच सब जोनल कमांडर, पांच एरिया कमांडर व 25 सदस्य शामिल हैं। इन मारे गए नक्सलियों पर एक करोड़ नौ लाख रुपये का इनाम घोषित था।पहले की तुलना में घटे हैं संवेदनशील व अति संवेदनशील मतदान केंद्र
नक्सल समस्या खत्म होने के बाद राज्य में पहले की तुलना में संवेदनशील व अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या घटी है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त राज्य में 1861 अति संवेदनशील, 3470 संवेदनशील और 25994 सामान्य मतदान केंद्र थे।इस वर्ष जो रिपोर्ट तैयार हुई है, उसके अनुसार अति संवेदनशील 1422, संवेदनशील 9265 व सामान्य मतदान केंद्रों की संख्या 20256 हैं। इस प्रकार अति संवेदनशील मतदान केंद्र घटे हैं तो संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ी है।