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रघुवर दास फिर लौट सकते हैं झारखंड की राजनीति में, बस इस बात का है इंतजार; शाह से हुई थी मुलाकात

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रदेश की राजनीति में फिर से वापसी हो सकती है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेताओं की बैठक में उनका नाम जमशेदपुर पूर्वी सीट के लिए प्रत्याशी के तौर पर प्रमुखता से सामने आया है। इस सीट से रघुवर दास लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि पिछली बार उन्हें सरयू राय ने परास्त कर दिया था।

By Pradeep singh Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 13 Sep 2024 09:25 AM (IST)
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रघुवर दास फिर से लौट सकते हैं झारखंड की राजनीति में (जागरण)

राज्य ब्यूरो, रांची। ओडिशा के राज्यपाल व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की राज्य की राजनीति में वापसी हो सकती है। विधानसभा चुनाव को लेकर जारी प्रदेश भाजपा की अंदरूनी रायशुमारी में उनका नाम जमशेदपुर पूर्वी सीट के लिए प्रत्याशी के तौर पर प्रमुखता से सामने आया है। इस सीट से रघुवर दास लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के बागी सरयू राय ने किया था परास्त

पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के बागी सरयू राय ने परास्त कर दिया था। कहा जा रहा है कि रघुवर दास भी सक्रिय राजनीति में वापसी की इच्छा रखते हैं। पार्टी के नेताओं के मुताबिक उन्होंने अपनी भावना से दल के प्रमुख नेताओं को भी अवगत कराया है।

बीते 27 अगस्त को उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। अगर नेतृत्व की हरी झंडी मिलती है तो वह राजनीति में वापसी करेंगे। ओडिशा में रहने के बावजूद उनका अपने गृहनगर जमशेदपुर लगातार आना-जाना लगा रहता है। वह लगातार यहां विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के साथ-साथ स्थानीय लोगों से संपर्क बनाए रखते हैं। समर्थकों को उम्मीद है कि उनकी वापसी होगी। 

रघुवर के प्रभाव का मिलेगा लाभ

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा का राज्य में चौतरफा अभियान चल रहा है। इस कड़ी में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों चम्पाई सोरेन और मधु कोड़ा ने भाजपा का दामन थामा है। पार्टी को उम्मीद है कि इन दोनों के जरिए आदिवासी मतदाताओं को आकर्षित करने में सफलता मिल सकती है।

सिर्फ 2 सीटें भाजपा के खाते में आई थीं

पिछले विधानसभा चुनाव में 28 आदिवासी सुरक्षित सीटों में से सिर्फ दो सीटें भाजपा के खाते में आई थी। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में पांचों आदिवासी सुरक्षित सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। रघुवर दास की सक्रियता मतदाताओं का संतुलन साधने के प्रयास के तहत लाभकारी हो सकती है।

इसके जरिये ओबीसी मतदाताओं पर पार्टी की पकड़ और मजबूत होने का अनुमान है। रघुवर दास लगातार पांच साल शासन करने वाले राज्य के पहले सीएम हैं। उनके समर्थकों का बड़ा समूह उन्हें फिर से सक्रिय देखना चाहता है।

हालांकि, रघुवर दास को लेकर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं। पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि नेतृत्व का निर्देश सर्वोपरि है। इसी मुताबिक दल में कार्यकर्ताओं की भूमिका तय होती है। 

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