Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन पर बड़ा ‘दांव-पेच’... सरकार ने लगाई ऐसी शर्त कि डूब जाएगा कर्मचारियों का पैसा
Jharkhand Old Pension Scheme झारखंड सरकार ने पुरानी पेंशन के लिए सभी कर्मियों से 15 नवंबर तक अंडरटेकिंग मांगा है। उसकी कंडिका तीन में कहा गया है कि अगर राज्य सरकार अंशदान वापस लाने में असमर्थ होगी तो कर्मचारी आगे उक्त राशि पर दावा नहीं करेंगे।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Sat, 05 Nov 2022 04:41 AM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Old Pension Scheme झारखंड सरकार ने पुरानी पेंशन के लिए सभी कर्मियों से 15 नवंबर तक अंडरटेकिंग मांगा है। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने राज्य में पुराने पेंशन लागू किए जाने पर कर्मचारियों से लिए जाने वाले अंडरटेकिंग पर सुनवाई करते हुए कहा कि अंशदान को लेकर लगाई गई शर्त कोर्ट के अंतिम फैसले से प्रभावित होगी। अदालत ने राज्य सरकार को कर्मियों को अंडरटेकिंग दिए जाने की तिथि बढ़ाने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य के वित्त सचिव कोर्ट में पेश हुए।
अदालत ने उनसे पूछा है कि पुरानी पेंशन लागू किए जाने पर नई पेंशन में कटौती किए गए अंशदान को वापस लाने के लिए क्या किया जा रहा है। सचिव ने कहा कि नई पेंशन योजना ट्रस्ट में कर्मियों के पैसे जमा हैं। केंद्र की दो अन्य एजेंसी इसकी निगरानी करती है। राज्य सरकार अंशदान के रूप में जमा राशि को वापस लाने का प्रयास कर रही है। इस पर अदालत ने नई पेंशन योजना ट्रस्ट सहित एजेंसियों को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। मामले में नोटिस तामिला होने के बाद सुनवाई होगी।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने अदालत को बताया कि वर्ष 2004 के बाद सभी कर्मियों का नई पेंशन योजना में अंशदान जमा है। अब राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन लागू करने का फैसला किया है। सभी कर्मियों से 15 नवंबर तक स्वघोषित शपथ पत्र (अंडरटेकिंग) मांगा गया है। उसकी कंडिका तीन में कहा गया है कि अगर राज्य सरकार अंशदान वापस लाने में असमर्थ होगी, तो कर्मचारी आगे उक्त राशि पर दावा नहीं करेगे। ऐसी शर्त लगाना उचित नहीं है। लोगों के कई सालों का अंशदान डूब जाएगा। अदालत ने फिलहाल सभी कर्मियों को सरकार को अंडरटेकिंग देने की बात कही, लेकिन उक्त शर्त कोर्ट के अंतिम आदेश से प्रभावित होगी।
राज्य सरकार के पुरानी पेंशन योजना लागू करने से पहले ही जमशेदपुर के कई शिक्षकों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया था कि उनकी नियुक्ति भले ही वर्ष 2004 के बाद हुई है। लेकिन नियुक्ति का विज्ञापन और प्रक्रिया वर्ष 2002 में शुरू की गई थी। ऐसे में उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। लेकिन अब सरकार से निर्णय की वजह से नई स्थितियां पैदा हो गई है। इस पर अदालत ने राज्य के वित्त सचिव को कोर्ट में हाजिर होकर जवाब देने का निर्देश दिया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।