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झारखंड: मानसून सत्र के आखिरी दिन सीएम सोरेन ने विपक्ष पर जमकर साधा निशाना, विपक्षियों पर लगाए एजेंडे की राजनीति करने के आरोप

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। अपने कुल 34 मिनट के संबोधन में उन्होंने भाजपा विधायकों की खुले तौर पर आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद बिना किसी मुद्दे के सिर्फ एजेंडे की राजनीति करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा मुद्दा क्या है विषय क्या है इनको नहीं पता।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Fri, 02 Aug 2024 08:46 PM (IST)
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विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का संबोधन।
डिजिटल डेस्क, रांची। शुक्रवार को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन था। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। अपने कुल 34 मिनट के संबोधन में उन्होंने भाजपा विधायकों की खुले तौर पर आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद बिना किसी मुद्दे के सिर्फ एजेंडे की राजनीति करने में लगे हुए हैं। सीएम सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरीके से भाजपा के विधायक कर रहे हैं, ये सरकार का उत्तर नहीं सुनना चाहते, इनका मुद्दा क्या है, विषय क्या है, इनको नहीं पता। ये शुरू से राजनीतिक एजेंडे के तहत कार्य में लगे हैं, अध्यक्ष महोदय ने सत्र को सुचारू रूप से संचालित किया, धैर्य का परिचय दिया।

इस क्रम में 4833 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित हुआ, इस क्रम में सदन में वक्तव्य के लिए प्राप्त कुल ध्यानाकर्षण 28 लिए गए स्वीकृत ध्यानाकर्षण की सूचना 22 है। देखिए ये कैसे माहौल बना रहे हैं, इसी को कहते हैं मीठा-मीठा गपगप, कड़वा कड़वा थू थू। यह उनका कच्चा चिट्ठा है, पांच साल में इन्होंने कितनी जमीन लूटी, चोरी नहीं डाका डालने का काम किया, ये 24 जिलों के भाजपा आफिस का फोटोग्राफ है, कुछ जिले में जमीन के लिए मर्डर हुआ, एक नहीं दो दो मर्डर हुए, उसपर भाजपा का कार्यालय बना, ये जेल में हमे डालते हैं, हमारे पीछे सीबीआइ लगती है, इनके पीछे नहीं लगती, इन भवनों का पैसा कहां से आया, ये बताएं, इनमें से कुछ ऐसे सरकारी और गैर मजरूआ जमीन है, सरकारी जमीन पर आफिस बना दिया, हम क्या बोलें, इनको कुछ लेनादेना नहीं, ना सदन के अंदर ना सदन के बाहर, ये जनता को लेकर छल प्रपंच और झूठ फरेब का दुकान चलाते, कुछ यहां कुछ पाकुड़ में कुछ जमशेदपुर में। ये लोगों को लाकर दिग्भ्रमित करते, एक सीएम ऐसे हैं कि उनके राज्य में लोग डूब रहे, वोट के लिए यहां भ्रम करते हम उनके राज्य के लिए पैसे देते, ये झारखंड का भ्रमण करते हैं, ये असम से झारखंड को लूटने आए हैं, इनका असम से भी सफाया हो जाएगा।

ये नियुक्ति की बात करते हैं, हमलोगों ने गैर सरकारी संस्थानों मे एक लाख लोगों को नियुक्ति दिया, कई जिलों में जाकर हजारों बच्चों को नियुक्ति पत्र अपने हाथ से दिया, आज ये बच्चे देश विदेश में नौकरी और स्वरोजगार कर रहे, सरकारी नौकरी में इन्होंने बीस साल में नियमावली नहीं बनाई, सारी नियुक्ति नियमावली हमने बनाई, यहां के नौजवानों को अधिकार मिले, इसके लिए नियोजन और स्थानीय नीति बनाया, ये पीठ पर छुरा मारते, सामने से वार करने की क्षमता नहीं, ये कोर्ट कचहरी और गवर्नर के माध्यम से सरकार को ध्वस्त करना चाहते, नियोजन नीति के खिलाफ भाजपा सक्रिय कार्यकर्ता गया, ये हमको रोकने का काम करते, हमने कानून बनाया तो असंवैधानिक, ये करें तो संवैधानिक, झारखंड में पहली बार वैज्ञानिक नियुक्ति किए, रिम्स में ग्रेड ए की नर्सों का नियुक्ति निकाली।

लिपिक लेखा पदाधिकारी की नियुक्ति की, इन नियुक्तियों मे यहां के 83 प्रतिशत यहां के आदिवासी मूलवासी को नियुक्त किया, किसी किसी में 100 प्रतिशत नियुक्ति इन लोगों की हुई, इनको आइना दिखाएंगे, पंचायत सचिव, पंचायत कर्मचारी, आइटीआइ प्रशिक्षक, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, प्रशिक्षक्षित शिक्षक प्रतियोगिता कराई, पशु चिकित्सक पहली बार बहाल हुए, आयुष शिक्षक, उद्यान पदाधिकारी नियुक्त किए, कितना गिनाए, कागज कलम रखिए।

ये लोग सिर्फ समय बर्बाद करेंगे, ये लोग पांच साल का चुनाव के अंतिम चरण में, ये अंतिम सत्र नहीं अनवरत चलने वाला सत्र है, ये अभी भी चलेगा और आने वाले समय में भी हम ही सत्र करेंगे, महिला सशक्तीकरण की बात करते, इनका आलम यह है कि पांच सौ करोड़ दिए. हमने दस हजार करोड़ दिए। कोरोना में एक आइसीयू बेड नहीं था। कही कोई व्यवस्था नहीं थी इऩके पांच साल में।

आज जाकर देखिए, आज सरकारी अस्पतालों को, हमारे मंत्री इरफान आलम प्राइवेट अस्पताल में गए माता को लेकर, वहां आक्सीजन नहीं था, सरकारी अस्पताल में है, पारा शिक्षक के मानदेय में 50 प्रतिशत बढ़ाया, आंगनबाड़ी सहायिका सेविका का मानदेय बढ़ाया. प्रखंड पदाधिकारी शिक्षकों का 50 प्रतिशत बढाया, मनरेगा का बढाया, रसोइया में 100 प्रतिशत बढाया, रोजगार सेवक का 50 प्रतिशत बढ़ाया, अनुबंध कर्मियों का मानदेय में 1250 करोड़ प्रति वर्ष का प्रविधान, 500 करोड़ का प्रविधान प्रस्तावित।

हमलोगों ने विगत पांच साल में जो किया, ये बीस क्या पचास वर्ष में नहीं कर सकते, इनका यही तरीका है, ऐसा आचरण करेंगे कि ना खाएंगे, ना खाने देंगे. सब हजम कर जाएंगे, अभी लोकसभा चुनाव में हल्का आइना दिखाया, विधानसभा में फुल लेंथ का आइना दिखाएंगे, खाली ये हल्ला करने आए, इस हल्ला गुल्ला में कोई कितना बोलेगा, लोग हल्ला करते रहेंगे, हाथी अपनी राह चलेगा, हम क्या बोलें, नियोजन नीति इनलोगों ने लटकाया, 27 प्रतिशत पिछड़ों का आरक्षण धराशायी कर दिया, आगे नहीं बढने दिया, सरना धर्म कोड, हमको धर्म कोड नहीं मिला, लंबोदर कुर्मी को आदिवासी बनाने चाहते, अभी तो हम रास्ता ढूंढ रहे, ये आदिवासी बनने का रास्ता ढूंढ रहे, इनको डेमोग्राफी दिखता, हिन्दू मुस्लिम करते, अभी बालू बेच रहे थे, इन्होंने पूरा देश बेच दिया, रेल बेच दिया, एयरपोर्ट बेच दिया, ये लोग वो नालायक लोग हैं जो घर के बूढ़ा बुर्जुग की जो संपत्ति होता है, सारा बेचकर खा गए, इनके व्यापारी दोस्त खा गए, अरबों माफ करते, किसानों का ऋण माफ नहीं करते, इनकी आंख में आंसू नहीं आता, हमने 50 हजार करोड़ ऋण माफ किया, हम ऋण माफी का दायरा बढाएंगे, बातें बहुत है, ये हमारी किताब दिखा रहे, अजीब हालत है, आप ये किताब लेकर जाइए, बेरोजगारी भत्ता प्रखंडों में मिल रहा, सभी प्रखंडों मे देंगे, हमलोगों ने मुख्यमंत्री मईयां योजना के तहत राशि देने का निर्णय किया, लगभग 50 लाख महिला को हर साल 12 हजार देंगे, अनुमान लगाइए कि हर घर में अगर तीन महिलाएं हो तो कितना जाएगा. आने वाले समय में सरकारी आई तो हर घर में एक लाख देंगे, ये अनुकंपा में रह जाएंगे, ये 20 हैं पांच नहीं आएंगे, ये डबल डिजिट में नहीं आएंगे, ये हिन्दू मुस्लिम के नाम पर वोट मांगते, अयोध्या मे जनता ने झटका दिया।

देश में जो स्थिति है, ट्रेन एक दूसरे से ऐसे टकरा रहा जैसे मेन रोड में साइकिल, रिक्शा टकराते हैं, ये हालत है, मनरेगा और शिक्षा में पैसे घटाए, प्रधानमंत्री आवास का पैसे नहीं देते, हमने 30 लाख से ज्यादा को आवास देने का वादा किया है, सबको घर देंगे, इनके रीढ़ की हड्डी नहीं, इनके सबसे बड़े नेता ने कितने बड़े सवाल सदन में पूछे, एक भी सवाल नहीं किया, पूरे पांच साल सिर्फ राजनीतिक रोटी सेकी, आज जनता देख रही है, एक एक हिसाब लेगी, सरकार के एक एक निर्णय से इनके पसीने छूट रहे, स्कूल आफ एक्सीलेंस बनाया, प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर, बेहतर टीचर दिए ताकि प्राइवेट स्कूलों की बराबरी करें, सावित्री बाई योजना से बच्चियों को जोड़ा, अनुदान प्राप्त स्कूलों की बच्चियों को अभी तक नहीं जोड़ा गया, उनकी संख्या भी बडे पैमाने पर, इन्हें भी साइकिल पोशाक देंगे, बहुत सारी चीजें हैं, इनकी करतूतें आप देखिए। ये गुजरात में 25-30 साल हैं, एक भी परीक्षा नहीं किया, सारा पेपर लीक, एक भी नियुक्ति नहीं की, ये इनके सुशासन की परिभाषा।

नेट की परीक्षा में लाखों का भविष्य बर्बाद, गुजरात, बिहार में हुआ, झारखंड का नाम लेते, अखबार भी इनकी जेब में, ये कोर्ट में भी, वीआरएस लेकर भाजपा ज्वाइन करते, अपने को संघी बोलते, देश में आदिवासी, दलित, पिछडा की स्थिति क्यों खराब।

ये डेमोग्राफी की बात करते, रांची, धनबाद, जमशेदपुर, बोकारो में किसके वजह से आबादी बढी, जो विषय लेकर ये आते, बांग्लादेशी की बात करते, ये आवाजाही हवा, पानी और जमीन से होता, तीनों में इनका मालिकाना हक, भाजपा का होता है, हम गंगा से जल निकाले तो एफआइआर हो जाता, हमारा एक सौ रुपया डालर में 85, 86, रुपया सर के बल पर है, रुपया का वैल्यू दो सौ करोड कर देंगे, पाकिस्तान से भी खराब, महंगाई रूकने का नाम नहीं ले रहा, गरीब मजदूर भूखे नंगे रहे हैं। आम गरीब, मध्यमवर्गीय, छोटे उद्योग सारे डूब गए, खाली पीठ थपथपाते, विज्ञापन के माध्यम से, इनका आलेख लिखने वाला गिरोह है, उसी का नतीजा है कि ये लोकसभा मे कहते रहे भाजपा की सरकार है, आज एनडीए की सरकार कहते।

बातें बहुत है, इनसे पूछिए कि काला चिट्ठा का क्या जवाब है, सरकारी और गैर मजरूआ, टाटा स्टील के आवास में कैसे आफिस बनाया। हम नौकरी देने में लग गए, डेढ लाख को दिया।

मुझे जेल में डाल दिया, हर प्रकार से, वादा के साथ करता हूं, मैं पांच माह बाहर रहता तो पांच लाख को नियुक्ति देता। ऐसे वातावरण में बोलना छाती जलाने जैसा है। कई संघों के लोगों ने हमें बताया कि ये उन्हें बुलाकर कहते हैं, धरना में चलते को कहते हैं, उन्होंने बताया है कि हेमंत सोरेन ही समस्या का निदान करेंगे।

ये लोग प्रायोजित तरीके से करते, सहायक पुलिसकर्मी को आने वाले समय में समायोजित करेंगे, हमने हड़ताल खत्म कराया, ये हड़ताल कराते हैं, अग्निवीर जैसी योजना ये लाते हैं, इनके नेता दिग्भ्रमित करने वाली बातें कहते, अग्निवीर पर मजबूत निर्णय, अग्निवीर को हम किसी घटना में मृत्यु पर अनुदान देंगे, अनुकंपा पर नौकरी देंगे, ये नारा इंपोर्ट करके लाते, ये भटक गए हैं, अब ये एक्सपायरी हो चुके हैं, हर सदन में पचास प्रतिशत से ज्यादा विधायक घर में रहते, उसमें इनकी ही संख्या अधिक, बातें काफी है, हमलोग काम और लक्ष्य पर काम करते, इनके शोरशराबे से हम रास्ता से नहीं भटकने वाले, बिल्कुल मछली की आंख पर लक्ष्य है, इनको हम राजनीतिक अखाड़े में भी मुंहतोड़ जवाब देंगे, चाहें ये बाहर से कितने भी नेता लेकर आ जाएं।

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