Jharkhand news: अब कैदियों के आइडी पर आनलाइन पैसे भेज सकेंगे परिजन, नकदी की व्यवस्था खत्म होगी
झारखंड की जेलों में अब नकद लेन-देन बंद होगा। कैदियों को क्यूआर आधारित आईडी मिलेगी, जिस पर परिजन ऑनलाइन पैसे भेज सकेंगे। कैदी बायोमीट्रिक पंच से कैंटीन से सामान खरीद सकेंगे। नई व्यवस्था से भ्रष्टाचार कम होगा। इसके साथ ही, राज्य की जेलों में नया डाइट चार्ट लागू हुआ है, जिसके तहत कैदियों को सप्ताह में तीन दिन नॉनवेज और प्रतिदिन 300 मिली दूध मिलेगा।

कैदी के परिजन उसके आइडी नंबर पर आनलाइन राशि जमा कर सकेंगे।
राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड की जेलों में नकदी लेन-देन पर अक्सर उठते रहे सवालों पर हमेशा के लिए विराम लगाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। सबकुछ आनलाइन होने जा रहा है।
इसके लिए कारा महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल ने एक्सिस बैंक को स्वीकृति भी दे दी है। एक्सिस बैंक के प्रतिनिधि ने तिहाड़ जेल में चल रही अपनी व्यवस्था से जेल प्रशासन को अवगत कराया, जिसके बाद ही जेल प्रशासन ने स्वीकृति दी है।
शुरू होने जा रही इस नई व्यवस्था के लिए सर्वप्रथम सभी कैदियों का आइडी नंबर बनेगा, जो क्यूआर आधारित होगा। कैदी के परिजन उक्त आइडी नंबर पर आनलाइन राशि जमा कर सकेंगे। वह राशि उस कैदी के आइडी पर जमा रहेगी।
अगर कैदी को जेल के कैंटीन से कुछ खरीदना होगा तो वह कैंटीन से खरीदेगा और बायोमीट्रिक पंच, अंगूठा लगाकर कोई वस्तु खरीद सकेगा। उस वस्तु की कीमत उसके आइडी वाले खाते से स्वत: कट जाएगी।
इस आनलाइन लेनदेन के लिए कैदी को किसी भी डिजिटल उपकरण की जरूरत नहीं होगी। उसका अंगूठा ही भुगतान के लिए पर्याप्त होगा, बशर्ते की उसके खाते में पर्याप्त राशि होनी चाहिए।
जेल आइजी ने बताया कि यह आनलाइन व्यवस्था पूरी तरह से झारखंड की जेलों में लागू होनी है। इससे जेलों में भ्रष्टाचार भी खत्म होगा। इससे सबका हिसाब भी आसानी से निकल सकेगा और सख्त निगरानी भी हो सकेगी।
इतना ही नहीं, सश्रम कारावास के कैदियों का परिश्रमिक भी उसके आइडी पर जमा होगी, जिसका वह अपनी जरूरत के अनुसार खर्च कर सकेगा।
वर्तमान में कैदियों तक नकद राशि पहुंचाने की है व्यवस्था, जिसे हटाने की तैयारी
राज्य की जेलों में वर्तमान में कैदियों तक नकद राशि पहुंचाने की व्यवस्था है। कैदियों को जेल से खाने-पीने, रहने आदि की व्यवस्था निश्शुल्क है।
कैदियों को इससे अलग अगर कुछ और खाने की इच्छा, साबुन, डिटर्जेंट, स्नैक्स, बिस्कुट, मिक्सचर आदि खरीदने की इच्छा होती हो तो वह जेल की कैंटीन से नकद राशि देकर उक्त सामग्री को खरीदता है।
इसके लिए मुलाकाती के दिन उसके परिजन जेल के कर्मियों की मदद से कुछ राशि कैदियों को भेजते हैं। इस राशि को भेजने के दौरान कई बार जेल सप्ताह में अब तीन दिन नानवेज खा रहे कैदी, सबको हर दिन 300 मिली दूध भी
राज्य की सभी जेलों में लागू हुआ है नया डायट चार्ट
राज्य की जेलों में एक अक्टूबर से कैदियों के लिए नया डायट चार्ज लागू कर दिया गया है। नए डायट चार्ट के अनुसार अब नानवेज खाने वाले कैदियों को सप्ताह में तीन दिन नानवेज दिया जा रहा है। कैदियों के लिए 300 मिली दूध भी दिया जा रहा है।
कारा महानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल ने इस नए डायट चार्ट को बेहतर तरीके से संचालित करने संबंधित आदेश जारी किया है। नए डायट चार्ट का उद्देश्य कैदियों को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ तथा मजबूत बनाना है। नए जेल मैनुअल में सजा से ज्यादा सुधार पर जोर दिया गया है। इसी मैनुअल के आधार पर जेलों में यह व्यवस्था की गई है।
प्रति कैदी क्या है नया डायट चार्ट
चावल, आटा (प्रतिदिन 250-250 ग्राम), दाल (100 ग्राम प्रतिदिन), आलू या मिक्स (200 ग्राम प्रतिदिन), सुबह-शाम 200 ग्राम पत्तेदार व हरी सब्जियां, हरी सब्जी के बदले 120 ग्राम चना या 100 ग्राम सोयाबीन या 100 ग्राम हरा मूंग।
सब्जी के बदले नानवेज खाने वालों के लिए दो अंडे। सुबह के नाश्ते में प्रतिदिन 100 ग्राम चूरा के साथ 60 ग्राम गुड़ या पांच ग्राम सत्तू या 80 ग्राम चना के साथ 50 ग्राम मूरही या छह पीस ब्रेड सलाइस व 20 ग्राम फ्रूट जैम, चाय।
नानवेजीटेरियर के लिए सप्ताह में एक दिन 100 ग्राम मटन, दूसरे दिन 200 ग्राम चिकन व तीसरे दिन दो पीस अंडा। सबसे के लिए प्रतिदिन 300 मिली दूध, प्रतिदिन 20 ग्राम चीनी या गुड़, नानवेज वालों के लिए सप्ताह में चार दिन एक-एक पीस अंडा, 200 ग्राम मौसमी फल, शाकाहारी के लिए तीन दिन 60-60 ग्राम पनीर व बाकी बचे चार दिन 40-40 ग्राम पनीर।
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