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Ranchi के खूंटी में दो अरब रुपये की लहलहा रही अफीम की फसल, प्रशासन की अनदेखी में खूब बढ़ रहा तस्‍करों का मनोबल

रांची खूंटी सीमा क्षेत्र में खेतों में अफीम की फसलें लहलहा रही हैं। यहां पिछले कुछ सालों से अफीम की खेती शुरू हुई है। इसे चतरा के अफीम कारोबारी तस्करों ने अपना गढ़ बना लिया है। प्रशासन की अनदेखी एवं उग्रवादियों के मदद से अफीम की खेती में पूरे देश में खूंटी का नाम सबसे ऊपर आ गया। तस्‍करों का मनोबल भी बढ़ता जा रहा है।

By prince kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Thu, 22 Feb 2024 10:01 AM (IST)
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रांची खूंटी सीमा क्षेत्र में लहलहा रही है अफीम की खेती।
जागरण संवाददाता तुपुदाना। विश्व में सबसे ज्यादा अफीम अफगानिस्तान में पैदा होता है, लेकिन झारखंड के खूंटी क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से अफीम की खेती की शुरुआत हुई थी। चतरा के अफीम कारोबारी तस्करों ने खूंटी को अफीम की खेती का गढ़ बनाया और प्रशासन की अनदेखी एवं उग्रवादियों के मदद से अफीम की खेती में पूरे देश में खूंटी का नाम सबसे ऊपर आ गया।

पैसे का लालच दिखाकर ग्रामीणों से कराई जा रही खेती

तस्करों के बढ़ते मनोबल ने राजधानी रांची के चारों तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में अफीम की खेती लगवाना शुरू कर दिया। इस वर्ष चुनाव है ऐसा तस्करों ने ग्रामीणों को बताया और कहा कि पुलिस इस वर्ष किसी भी तरह अफीम की खेती को नष्ट नहीं करेगी और तस्करों ने सीधे-साधे भोले भाले ग्रामीणों को अफीम की खेती में अकूत पैसा का लालच दिखाकर राजधानी के शहरी क्षेत्र में भी अफीम की खेती करवाया है।

पुलिस अफीम की खेती कर रही है नष्‍ट

उग्रवादियों सफेद पोशो एवं थाना के दलालों के माध्यम से स्थानीय थाना में अफीम की खेती करने वाले किसानों से चंदा वसूल करके थाना में पहली किस्त का पैसा पहुंचा दिया गया है, ताकि पुलिस अफीम की खेती को नष्ट न करें।

खाना पूर्ति के नाम से पुलिस कुछ फसलों को नष्ट करेंगी तब जब अफीम की फसल से तरल अफीम निकाल लिया जाएगा और सूखे पौधे बचे रहेंगे, तब उनको पुलिस खाना पूर्ति के नाम पर नष्ट कर देगी। इस वर्ष राजधानी रांची के तुपुदाना ओपी क्षेत्र के दर्जनों गांवों में सैकड़ो किसानों ने अफीम की खेती किया है।

खूंटी के 50 प्रतिशत युवा नशे के हो चुके आदी  

युवको में नशे की लत लग चुकी है और नशे की आदत को पूरा करने के लिए अपराध की दुनिया में घुस चुके हैं। गांव में पैसों की चमक एवं शाही ठाठ-बाद वाले जीवन स्तर के लिए गरीब किसानों के बच्चे जो पहले खेती-बाड़ी एवं मजदूरी कर जीविका चलाते थे अब अपने गांव के युवकों को देखकर जो अफीम की खेती कर महंगे बाइक एवं फोर व्हीलर गाड़ियों में घूम रहे हैं, उनकी देखा देखी अब गांव के युवक अफीम की खेती में जुड़ चुके हैं ,जो खेती नहीं कर रहे हैं वह अफीम की खरीद बिक्री अफीम तस्करों के एजेंट बनकर करने हैं।

अफीम की खेती के दुष्प्रभाव

ग्रामीणों में जागरूकता का कमी है जिसके कारण पैसों की चमक दमक एवं पैसों के लिए जानलेवा अफीम की खेती करते हैं। अफीम की खेती करने के क्रम में पौधों में फूल लगने के बाद जो फल लगता है, उसमें चीरा लगाते हैं चीरा लगाकर तरल अफीम निकलते हैं।

चीरा लगाते समय पौधों के उन फलों से विकिरण निकलता है, जो चीरा लगाने वाले लोगों के श्वास के द्वारा उनके फेफड़े को क्षतिग्रस्त कर देते हैं विकिरण के दुष्प्रभाव से खूंटी क्षेत्र के लोगों में टीवी जैसी बीमारी की प्रकोप बढ़ता जा रहा है।

रामकृष्ण मिशन टीवी सेनेटोरियम के सचिव महाराज ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में टीवी सेनेटोरियम अस्पताल में आने वाले रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। अब तो स्थिति यह है कि टीवी रोगियों को यहां रखने की जगह नहीं है। उनको दवा देकर घर भेज दिया जा रहा है ताकि घर में ही रहकर यहां से दवा ले जाकर अपना इलाज करें और स्वस्थ होंगे।

रिम्स एवं सदर अस्पताल में भी टीवी रोगियों को नहीं रखा जा रहा है। ऐसा रामकृष्ण मिशन टीवी सेनेटोरियम में आने वाले रोगियों ने बताया कि वहां से उनको रामकृष्ण मिशन टीवी सेनेटोरियम में ही जाने की सलाह दी जाती है।

 खूंटी थाना क्षेत्र के इन गांवों में हो रही खेती

अकता, अरगोडी , अनीडीह , टकरा, हातुगामी, चुकरु, रेमता, साडासोम, सिलादोन,भूत सहित अड़की, मुरहू सहित खूंटी जिले के अन्य प्रखंडों के दर्जनों गांव में अफीम की खेती हुई है।

तुपुदाना क्षेत्र के इन गांव में हो रही खेती

साहेदा, बुंगरू, करकट्टा,सिरि, किसकी, सोढा, देवगामी, हुड़वा, भंडार टोली, हजाम , नया टोली, बांध टोली, रायडीह, पाटेज, बंडा, गरसुल, डूमरटोली, अंबाटोली, चिटवादाग, हुडींगदाग सहित अन्य गांव में हो रही खेती।

नामकुम थाना क्षेत्र के इन गांवों में हो रही खेती

हुआं गहातु, लाली, तंजू नचल दाग, डुडुरदाग ,कोलाद, बंधुवा सहित अन्य दर्जनों गांवों में अफीम की खेती हुई है। वर्ष 2021-22 में झारखंड में सबसे ज्यादा अफीम एवं डोडा नामकुम पुलिस ने पकड़ी थी, उसे समय के तत्कालीन नामकुम थाना प्रभारी सुदूर ग्रामीण इलाकों में घुसकर ट्रक एवं अन्य वाहनों में सैकड़ो क्विंटल डोडा एवं अफीम को पकड़ा था।

जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय हाट बाजारों में भी बाहर के कलाकारों के द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद इस वर्ष खूंटी पुलिस ने 1300 एकड़ में लगे अफीम की खेती को नष्ट किया है। और आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी- अमन कुमार, पुलिस अधीक्षक खूंटी।

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