गांडेय सीट पर उप चुनाव को लेकर SC के इस आदेश का पड़ सकता है असर, ऐसा हुआ तो बढ़ेगी JMM की टेंशन
झारखंड की राजनीति में वर्तमान में सबसे अधिक चर्चित गांडेय विधानसभा उप चुनाव पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को जारी एक आदेश का असर पड़ सकता है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में पुणे लोकसभा सीट पर उपचुनाव के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने यह फैसला भारत निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड की राजनीति में वर्तमान में सबसे अधिक चर्चित गांडेय विधानसभा उपचुनाव पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को जारी एक आदेश का असर पड़ सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में पुणे लोकसभा सीट पर उपचुनाव के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने यह फैसला भारत निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने आयोग के पक्ष में सुनाया फैसला
दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में पुणे लोकसभा सीट पर तुरंत उपचुनाव कराने का आदेश आयोग को दिया था। आयोग ने इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने आयोग के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही समय बचा है। उपचुनाव कराने का कोई लाभ नहीं है।शीर्ष अदालत ने आयोग से उपचुनाव में हुई देरी का कारण भी बताने को कहा है। बता दें कि मार्च 2023 में गिरीश बापट के निधन होने से यह सीट रिक्त हो गई थी। इधर, गांडेय सीट 31 दिसंबर को सरफराज अहमद के इस्तीफा के बाद रिक्त हुई है।ये भी पढ़ें: हेमंत सरकार को लेकर राजभवन के एक्शन पर BJP की नजर, गांडेय सीट खाली होने के बाद झारखंड में गरमाई सियासत
JMM ने चुनाव आयोग से जल्द उपचुनाव कराने की मांग की
झामुमो ने यह कहते हुए निर्वाचन आयोग से जल्द ही उपचुनाव कराने की मांग की है कि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल वर्ष छह जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। एक वर्ष से अधिक कार्यकाल होने पर उपचुनाव कराना बाध्यता है।ये भी पढ़ें: Jharkhand Budget 2024: बजट को लेकर हेमंत सोरेन ने की बड़ी बैठक, इन वर्गों पर रहेगा विशेष फोकस; अफसरों को दिया निर्देश
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