नए साल पर पिकनिक बनाने का शानदार स्पाट है झारखंड के खूंटी का पांडु पुडिंग जलप्रपात, यह है विशेषता
Jharkhand Tourism अंग्रेजी नववर्ष (New Year) के स्वागत में सैलानी प्रकृति (Nature) के सानिध्य में रहकर जश्न मनाते हैं। इसके लिए सैलानी (Tourist) ऐसे नए-नए स्थल की तलाश करते है। पांड़ पुडिंग जिले का एक गुमनाम पर्यटन स्थल है जो अपने विकास की बाट जोह रहा है।
By Sanjay KumarEdited By: Updated: Wed, 15 Dec 2021 12:47 PM (IST)
खूंटी(जासं)। Jharkhand Tourism : अंग्रेजी नववर्ष (New Year) के स्वागत में सैलानी प्रकृति (Nature) के सानिध्य में रहकर जश्न मनाते हैं। इसके लिए सैलानी (Tourist) ऐसे नए-नए स्थल की तलाश करते है, जहां उन्हें प्रकृति के निकटता का अहसास होने की उम्मीद हो। नववर्ष पर लोग जलप्रपात (Waterfall), डैम (Dam), पार्क(Park) आदि स्थानों में जाते हैं। खूंटी जिला (Khunti District) प्रकृति के अनुपम उपहारों से भरा पड़ा है। प्राकृतिक सौंदर्य (Natural Beauty) से परिपूर्ण खूंटी जिले की ऊंची-ऊंची पहाड़ (Mountain), जंगल (Jungle), नदियां (Rivers), झरने (Waterfalls) सहित प्रकृति के मनोहारी दृश्यों से समृद्ध वादियां बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींच लाती है।
बेहतरीन पिकनिक स्पॉट के रूप में उभर कर आ सकता है सामने: जिले के तोरपा में ऐसा ही एक मनोहारी स्थल है पांडु पुडिंग। पांड़ पुडिंग जिले का एक गुमनाम पर्यटन स्थल है, जो अपने विकास की बाट जोह रहा है।
यहां नैचुरल सनसेट व सनराइज प्वाइंट है, जो खूबसूरती को चार चांद लगाता है। यदि इस पर्यटक स्थल को विकसित करने का काम किया जाए तो यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट के रूप में उभर कर सामने आ सकता है।
सफेद चट्टानों से ढंका स्थल पर्यटकों को करता है रोमांचित: पांडु पुडिंग में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं छिपी हैं। यहां पहुंचने के लिए सुगम पथ और पर्यटकों के लिए जरूरी सुविधाओं का विकास करने पर यह राज्य का बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकता है।यहां चारों ओर वनों व पहाड़ों से घिरा स्वच्छ व स्वास्थ्य वर्धक वातावरण, कल-कल करता झरने का मधुर स्वर, चारों दिशाओं में फैली हरियाली, सफेद चट्टानों से ढंका स्थल पर्यटकों को रोमांचित करता है।
विकास की बाट जोह रहा पांडु पुडिंग जलप्रपात:स्थानीय ग्रामीण कहते है कि जो एक बार पांडु पुडिंग में आ जाए तो उन्हें इस जगह से जाने को मन नहीं करता है। यहां पहुंचने वाले सैलानियों को प्रकृति के सानिध्य में होने का अहसास होता है। यहां रेगिस्तान जैसा बालू, कल-कल बहता स्वच्छ नीला पानी, पहाड़-पर्वतों में हरे-भरे पेड़ मानों प्रकृति से इसे अपने अनुपम सुंदरता से सजाया-संवारा हो। खूंटी व पश्चिमी सिंहभूम जिले के सीमावर्ती क्षेत्र के अंतर्गत पांडु पुडिंग जलप्रपात में प्रकृति ने अद्भूत छटा बिखेरी है। यहां का फॉल काफी मनोरम दृश्यों वाला है। प्रकृति के इस अनुपम छटा को विकसीत करने से जहां सैलानियों को सृष्टि के उपहारों को जानने का मौका मिलेगा। वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के नए साधन मिलेंगे।
स्थानीय लागों को रोजगार के मिलेंगे अवसर:पांडु पुडिंग को बेहतरीन पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने को लेकर सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन उदासीन रवैया अपनाई हुई है। सरकार के इस उदासीनता के कारण प्रकृति का बेहतरीन उपहार आज पर्यटन के क्षेत्र में गुमनाम है। पर्यटन विभाग व झारखंड सरकार पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करें गुमनामी का चादर ओढ़े पांडु पुडिंग में चारों ओर रौनक होगी। पर्यटकों की भीड़ जमने लगेगी और स्थानीय लागों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मोबाइल नेटवर्क भी उपलब्ध:आमतौर पर देखा जाता है कि पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है, लेकिन पांडु पुडिंग में मोबाइल नेटवर्क है। सैलानी यहां पहुंच कर कई बार वीडियो कॉलिंग भी करते देखे गए है। इसके साथ ही यहां पहुंचने वालों को अपने वाहन की पार्किंग के लिए विशाल खाली जगह मिलेगा। जहां वे अपने-अपने वाहनों को रख सकते हैं। यहां से सूर्योदय व सूर्यास्त का नजारा देखना अद्भूत अहसास कराता है।
ऐसे पहुंचे पांडु पुडिंग:झारखंड की राजधानी रांची स्थित बिरसा चौक से पांडु पुडिंग की दूरी 85 किलोमीटर है। रांची से खूंटी जिले का तोरपा पहुंचना होगा। इसके बाद तोरपा चर्च रोड होकर तपकरा बाजार तक पहुंचे।बाजार से तपकरा थाना जाने वाली सड़क से लोहाजिमि तक जाए। लोहाजिमि से चार किलोमीटर की दूरी पर पूरब दिशा में पांडु पुडिंग पर्यटक स्थल स्थित है।
चार पहिया व बाइक से आसानी से पहुंचा जा सकता है:लोहाजिमि से पांडु पुडिंग तक आपको कच्ची सड़क से जाना पड़ेगा, यहां अबतक पक्की सड़क नहीं बन सका है। यहां पहुंचने के लिए ना पहाड़ चढ़ना पड़ता है और ना नदी पार करना पड़ता है। पांडु पुडिंग तक बस, कार सहित अन्य चार पहिया व बाइक से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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