ट्रेन के AC कोच में यात्रियों की बिगड़ी हालत, नाक में रूमाल बांध दरवाजे की ओर दौड़े, सांस लेना हुआ मुश्किल
रेलवे यात्रियों को तमाम सुविधाएं देने की बात तो करता है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। इसका सबूत हटिया इस्लामपुर ट्रेन में देखने को मिला। ट्रेन के एसी कोच में चढ़ते ही यात्री चूहों की दुर्गंध के मारे सही से बैठ नहीं सके। उनका कोच में ठहरना मुश्किल हो गया। अगर एसी कोच का यह हाल है तो जरा सोचिए जनरल डिब्बे की क्या हालत रही होगी।
जागरण संवाददाता, रांची। ट्रेनों में यात्रियों को नई सुविधाएं देने का दावा जरूर किया जा रहा है, पर हकीकत कुछ अलग ही है। सोमवार को चूहों के कारण एक एसी कोच में यात्रा कर रहे रेल यात्री तेज बदबू से परेशान हो गए। समस्या समाधान के प्रति रेलवे ने भी जमकर लापरवाही बरती।
कोच में यात्रियों का बैठ पाना हुआ मुश्किल
दरअसल हटिया स्टेशन पर सोमवार को हटिया इस्लामपुर ट्रेन खुलते ही कोच नंबर बी -2 के यात्रियों ने 139 पर शिकायत की कि पूरी बोगी में चूहों की दुर्गंध आ रही है।
ट्रेन रांची से बोकारो पहुंच गई, लेकिन इस शिकायत का समाधान करने के लिए रेलवे की ओर से कोई पहल नहीं की गई। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में चढ़ते ही चूहों की दुर्गंध आने लगी थी। कोई भी यात्री उस बोगी में बैठ नहीं पा रहा था।
गेट के पास जाकर लेने लगे सांस
दुर्गंध इतनी तेज थी कि यात्री बोगी में रह नहीं पा रहे थे। सभी यात्री गेट पर जाकर खुली हवा में सांस ले रहे थे। यात्री अपने चेहरे पर मास्क और रुमाल बांध कर बोगी में जा रहे थे।
यात्रियों द्वारा बोगी की स्थिति को इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया गया। इसके बाद भी रेलवे की ओर से कोई सुविधा नहीं दी गई।
जब ट्रेन बोकारो स्टेशन पर रुकी तो यात्री शिकायत करने स्टेशन मास्टर के कमरे पर गए। वहां ताला बंद पाकर यात्री उग्र हो गए। इसी बीच ट्रेन खुल गई।
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यात्रियों की नाराजगी का रेलवे पर नहीं कोई असर
नाराज यात्रियों ने चेन खींचकर ट्रेन को रोक दिया। वे लोग इस समस्या का समाधान करने की मांग कर रहे थे।
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