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Jharkhand PESA Rules: झारखंड में जल्द लागू होगी पेसा नियमावली, CM चंपई सोरेन करेंगे समीक्षा

PESA Act In Jharkhand पेसा नियमावली में ग्राम सभाओं को और शक्तिशाली और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने पर जोर दिया गया है। प्रस्तावित नियमावली के तहत ग्राम सभा की बैठकों की अध्यक्षता मानकी मुंडा आदि पारंपरिक प्रधान करेंगे। ग्राम सभा की सहमति के बिना सरकार जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकेगी। आदिवासियों की जमीन खरीद बिक्री मामले में भी ग्राम सभा की सहमति की बाध्यता होगी।

By Dilip Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 12 Jun 2024 10:30 PM (IST)
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झारखंड में जल्द लागू होगी पेसा नियमावली, CM चंपई सोरेन करेंगे समीक्षा
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में पेसा कानून को लागू करने के लिए इससे संबंधित नियमावली को शीघ्र अंतिम रूप देकर उसपर कैबिनेट की स्वीकृति ली जाएगी। पंचायती राज विभाग ने जहां इस नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, वहीं मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन गुरुवार को इसकी समीक्षा करेंगे। उनके समक्ष नियमावली के प्रारूप को रखा जाएगा।

इससे पहले इस प्रारूप पर आम लोगों से सुझाव लिए गए थे। इसमें मिले सुझाव और आपत्तियां का समाधान कर इसे अंतिम रूप दिया गया है। इस नियमावली में ग्राम सभाओं को और शक्तिशाली और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने पर जोर दिया गया है।

प्रस्तावित नियमावली के तहत ग्राम सभा की बैठकों की अध्यक्षता मानकी मुंडा आदि पारंपरिक प्रधान करेंगे। ग्राम सभा की सहमति के बिना सरकार जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकेगी। आदिवासियों की जमीन खरीद बिक्री मामले में भी ग्राम सभा की सहमति की बाध्यता होगी।

इस नियमावली में पुलिस की भूमिका निर्धारित करते हुए किसी की गिरफ्तारी के 48 घंटे के अंदर गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी ग्राम सभा को देने की बाध्यता तय की गई है। ग्राम सभा को आदिवासियों की जमीन वापस करने का अधिकार भी दिया गया है।

साथ ही ग्राम सभा में अन्न कोष, श्रम कोष, नकद कोष आदि गठित किए जाने का प्राविधान किया गया है जिनमें दान, प्रोत्साहन राशि, दंड शुल्क, वन उपज, रॉयल्टी, तालाब, बाज़ार, सैरात आदि से मिलने वाली राशि जमा की जाएगी।

ग्राम सभा में अधिकतम 10 हजार रुपए तक की राशि रखने की अनुमति होगी। इसकी अधिक की राशि बैंक खाते में जमा की जाएगी। इतना ही नहीं, ग्राम सभा विधि व्यवस्था को लेकर 10 रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक दंड भी लगा सकेगी।

हालांकि दंडित व्यक्ति को अपील करने की भी शक्ति प्राप्त होगी। यहां तक कि उच्च न्यायालय में भी इसके विरुद्ध अपील की जा सकेगी। ग्राम सभा को प्राकृतिक स्रोतों के प्रबंधन का भी अधिकार होगा। वन उपज पर भी उसका अधिकार होगा।

विधि व्यवस्था तोड़ने पर ग्राम सभा इस तरह लग सकेगी दंड

  • दंगा फसाद करने पर 100 रुपये तक।
  • खोटे बाट का इस्तेमाल करने पर 500 रुपये तक।
  • जल स्रोतों के प्रदूषित करने पर 500 रुपये तक
  • जीव जंतुओं के साथ क्रूरतापूर्ण बर्ताव करने पर 500 रुपये तक।
  • अश्लील काम एवं अश्लील गाने पर 200 रुपये तक
  • धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर 500 रुपये तक।
  • जबरन काम कराने, चोरी करने पर एक हजार रुपये तक आदि।

क्या है पेसा एक्ट?

पंचायत उपबंधन (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम महत्वपूर्ण कानून है जो 24 दिसंबर, 1996 को पारित किया गया था। इसका उद्देश्य कुछ अपवादों और संशोधनों के साथ, संविधान के भाग नौ में उल्लिखित प्रविधानों को अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करना है।

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