दारोगा नियुक्ति की पीटी परीक्षा में आरक्षण की मांग वाली याचिका झारखंड हाई कोर्ट में खारिज
Jharkhand News Hindi Samachar सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि दारोगा नियुक्ति के लिए प्रारंभिक परीक्षा में आयोग की ओर से आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है। अगर लाभ दिया जाता तो चयन हो जाता।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Mon, 14 Jun 2021 07:48 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने दारोगा नियुक्ति में आरक्षण से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि एकल पीठ का आदेश बिल्कुल सही है और इसमें हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है, इसलिए प्रार्थी की याचिका को खारिज किया जाता है। प्रार्थी की ओर से दारोगा नियुक्ति के लिए ली गई प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में आरक्षण की मांग की गई थी। पूर्व में एकलपीठ ने प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया था।
इसके बाद उनकी ओर से खंडपीठ में अपील दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि दारोगा नियुक्ति के लिए प्रारंभिक परीक्षा में जेएसएससी की ओर से आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है। अगर आरक्षण का लाभ दिया गया होता तो उनका भी चयन हो जाता। इस पर जेएसएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता है, बल्कि मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ दिया जाता है।
इसके अलावा वर्ष 2018 में दारोगा बहाली की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, इसलिए प्रार्थी की याचिका को खारिज कर देनी चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत में जेएसएससी की दलील को मानते हुए प्रार्थी की याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि वर्ष 2017 में दारोगा बहाली के लिए जेएसएससी ने विज्ञापन निकाला था। प्रार्थी सादिक गुलाम की ओर से हाई कोर्ट में अपील दाखिल की गई थी।
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