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हेमंत सोरेन को हराने झारखंड में एक मंच पर आएंगे मोदी-नीतीश, चिराग और सुदेश महतो भी करेंगे शक्ति प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए ने अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन की तिथि 25 अक्टूबर है। इसके बाद एनडीए अपना प्रचार अभियान शुरू करेगा। पहली सभा रांची में होगी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान और आजसू प्रमुख सुदेश महतो एक साथ मंच पर मौजूद रहेंगे।

By Dibyanshu Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 21 Oct 2024 10:30 PM (IST)
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एनडीए मिलकर चलाएगा प्रचार अभियान, शामिल होंगे प्रधानमंत्री और नीतीश कुमार। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। भारतीय जनता पार्टी समेत एनडीए ने अपने ज्यादातर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। पहले चरण के मतदान के लिए 25 अक्टूबर तक नामांकन की तिथि है। इसके बाद एनडीए अपने प्रचार अभियान का प्रारंभ करेगा।

पहली सभा रांची में होगी। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान और आजसू प्रमुख सुदेश महतो एक साथ मंच पर उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम की तिथि और स्थान तय करने के लिए प्रदेश भाजपा ने केंद्रीय नेतृत्व से संवाद किया है।

एनडीए की कोशिश बड़े कार्यक्रम के जरिए एकजुटता का संदेश देने की है। इससे पहले भाजपा मुख्यालय में आजसू प्रमुख सुदेश महतो और एलजेपी के नेता अरुण भारती संंयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर चुके हैं।

भ्रष्टाचार और बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाएगी भाजपा

संयुक्त प्रचार अभियान में भारतीय जनता पार्टी राज्य की मौजूदा सरकार पर भ्रष्टाचार और संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ से जनसंख्या में हो रहे घुसपैठ के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगी।

आजसू प्रमुख सुदेश महतो पहले ही राज्य में युवाओं की बेरोजगारी और झामुमो की वादाखिलाफी का मुद्दा उठा चुके हैं। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में भी एनडीए के सभी दल राज्य सरकार के किए गए वादों की याद दिलाएंगे और लोगों को बताएंगे कि कैसे झामुमो ने उन्हें ठगा है।

बाबूलाल मरांडी के सलाहकार के खिलाफ प्राथमिकी निरस्त

झारखंड हाई कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील कुमार तिवारी को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने सोमवार को उनके खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है।

अदालत ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जब किसी मामले में कानून का दुरुपयोग हो रहा हो तो कोर्ट इस तरह के गंभीर मामलों में प्राथमिकी और अन्य दस्तावेजों के आधार निर्णय लेने में सक्षम है।

पीठ ने कहा कि अगर प्रार्थी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। इसलिए दोनों मामले निरस्त किए जाते हैं। सुनील तिवारी के खिलाफ यौन शोषण और एससी-एसटी को लेकर अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी कराई गई थी।

सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, पार्थ जालान और शिवानी जालूका ने पीठ को बताया कि प्रार्थी सुनील तिवारी के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष के कारण प्राथमिकी की गई थी।

किसी मामले में प्राथमिकी को परिस्थितियों से जोड़कर देखा जाना चाहिए। इसके अलावा जिस लड़की के साथ यौन शोषण आरोप लगाया गया है। उसकी ओर से रांची की कोर्ट में केस वापसी के लिए याचिका दाखिल की है।

शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसने आरोप की सत्यता को समझे बिना कुछ गलतफहमी के कारण प्राथमिकी कराई थी। वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है।

पीड़िता ने सुनील तिवारी पर शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण का आरोप लगाते हुए अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी कराई थी। दूसरे मामले में सुनील तिवारी और पुलिस जवान सचिन पाठक द्वारा गवाहों को धमकाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी हुई थी।

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