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इशारों को अगर समझें... हेमंत सोरेन का यह अंदाज आप भी देखिए... PM Modi को 'सरकार' ने कायल बना दिया...

Jharkhand News महज कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री तेलंगाना गए तो मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव उनके स्वागत के लिए नहीं पहुंचे। लेकिन विपक्षी दल की सरकार वाले झारखंड में प्रधानमंत्री आए तो यहां सीन उलटा था प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देवघर आगमन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका भव्‍य स्वागत किया।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2022 09:19 AM (IST)
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Jharkhand News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुलकर प्रदर्शित की अपनी भावनाएं।

देवघर, [आनंद मिश्र]। Jharkhand News महज कुछ दिन पहले की बात है जब प्रधानमंत्री तेलंगाना गए थे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव उनके स्वागत के लिए नहीं गए थे। के चंद्रशेखर राव का यह कदम पूरे देश में राजनीतिक बहस का मुद्दा बना। तेलंगाना के बाद विपक्षी दल की सरकार वाली अगले राज्य झारखंड में प्रधानमंत्री आए। यहां सीन उलटा था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देवघर आए तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अंत:करण से उनके स्वागत को मौजूद रहे। देवघर एयरपोर्ट से लेकर बाबा बैद्यनाथ के मंदिर तक हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री का पूरी तन्‍मयता से आगत-स्वागत किया, सहृदयता दिखाने, अभिभावदन से लुभाने में कोई कोर- कसर नहीं छोड़ी। ऐसा लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजनीतिक मिष्ठान लेकर आए हैं।

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हेमंत ने परम आदरणीय कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन किया। यहां तक बोल गए कि सपना साकार हुआ। इसके लिए उन्हें हार्दिक बधाई। हां, हेमंत सोरेन ने यह भी ध्यान रखा कि झामुमो की भावी राजनीति  जीवित रहे। उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने भूमि अधिग्रहण, विस्थापन एवं खनिज का भी मसला उठाया। देवघर एयरपोर्ट के निर्माण के श्रेय का भी बंटवारा करने का प्रयास किया। दावा किया कि 2010 में भी उन्होंने इसके लिए प्रस्ताव दिया था। मुख्यमंत्री बाबा बैद्यनाथ धाम श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री बाबा मंदिर में पूजा करने गए तो हेमंत सोरेन ने उन्हें प्रतीक चिह्न ज्योतिर्लिंग की आकृति भी उपहार में दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो दिन पहले ही देवघर चले गए थे। तब ऐसा लगा कि वे श्रावणी महोत्सव की तैयारियों को मुख्य तौर पर देखने गए हैं। अगले दो दिनों तक हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री के कायर्क्रमों की बारीकी से समीक्षा की। अपने कैबिनेट मंत्री बादल पत्रलेख, हाजी हुसैन अंसारी, मिथिलेश ठाकुर को भी साथ लिया।

प्रधानमंत्री के लिए उनका संबोधन बेहद आत्मीयता से भरा रहा। प्रधानमंत्री भाषण दे रहे थे तो उनकी घोषणाओं पर हेमंत सोरेन तालियां बजा रहे थे। ऐसा लग रहा था मानो उनके गठबंधन के शीर्ष नेता बोल रहे हों। बोले कि देवघर एयरपोर्ट के लिए 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया। तीन सौ परिवारों का विस्थापन हुआ। उन परिवारों के योगदान को भी नहीं भूल सकते। उन्होंने इशारे में बड़ी बात कही जिसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।

हेमंत सोरेन बोले कि झारखंड पिछड़ा राज्य है। कोई मकान या महल बनता है तो उसमें मजदूरों का भी बड़ा योगदान होता है। जब महल बन जाता है तो मजदूरों के योगदान को भूलना नहीं चाहिए। झारखंड के खनिज से पूरे देश का विकास हुआ है। झारखंड की छाती से इसे निकाला गया। केेंद्र सरकार को सहयोग करना चाहिए। गौर करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री बाबा मंदिर में पूजा कर रहे थे तो हेमंत सोरेन मंदिर परिसर में मौजूद रहे। देवघर कालेज में भाजपा की सभा में जाने के पहले फिर वो प्रधानमंत्री से मिले। उन्हें प्रतीक चिह्न दिया। झुककर अभिवादन किया।

गौरतलब है कि महज कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय ने हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के आवास पर छापेमारी की है। इसके बावजूद हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री के सामने किसी भी तरीके से नाराजगी का इजहार नहीं किया। स्वाभाविक है, यह कुछ नया इशारा कर रहा है अथवा भविष्य के लिए मैत्रीपूर्ण संबंध के दरवाजे खोलकर रखने की कवायद है।

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