Jharkhand News: यूक्रेन में फंसे युवाओं को भारत लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माता-पिता की तरह चिंतित
Ukraine Russia War केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि यूक्रेन में फंसे सभी युवाओं और भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माता-पिता की तरह की चिंतित हैं।
कोडरमा, अनूप कुमार। उत्तर प्रदेश चुनाव में बतौर सह प्रभारी कानपुर एवं बुंदेलखंड क्षेत्र के 52 विधानसभा सीटों पर भाजपा के लिए पहले रणनीति तय की, फिर प्रचार एवं जनसंपर्क अभियान कर लौटी कोडरमा की सांसद सह केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी से बुधवार को दैनिक जागरण ने विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर बात की। प्रस्तुत है उनसे बातचीत का प्रमुख अंश।
आज रूस-यूक्रेन युद्ध में देश के हजारों बच्चे फंसे हैं। भारत सरकार इन्हें सुरक्षित लाने के लिए किस तरह का प्रयास कर रही है?
बच्चों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता उनके माता-पिता से कम नहीं है। जिस तरह विकट परिस्थिति में वहां से बच्चों को लाया जा रहा है, उसकी पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। यूक्रेन की सीमा से सटे देशों में चार वरिष्ठ मंत्रियों को भेजकर बच्चों की पल-पल की खबर ली जा रही है। पार्टी के सांसद, विधायक एवं कार्यकर्ता भी बच्चों एवं उनके अभिभावकों की खबर ले रहे हैं। यूक्रेन में कई देशों के बच्चे हैं, लेकिन जितनी तत्परता और तन्मयता से भारत सरकार लगी है, वह अतुलनीय है।
यूपी चुनाव के अबतक छह चरण संपन्न हो चुके हैं। भाजपा के लिए कैसा रहेगा अबतक का चुनावी सफर?
जिन 52 सीटों की जवाबदेही पार्टी द्वारा दी गई थी, उनमें से 45 पर भाजपा पहले से काबिज है। इसबार उससे भी ज्यादा सीटें मिलेंगी। वहीं पूरे यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा एकबार फिर भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी। यूपी चुनाव विकास और सुरक्षा के मुद्दे पर पार्टी लड़ रही है। दोनों ही क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। यूपी की आम जनता खासकर महिलाओं के लिए यह मुद्दा काफी बड़ा है, जिसकी कसौटी पर भाजपा को लोग सौ प्रतिशत खरा पाते हैं। महिलाएं योगी जी के कार्य से काफी संतुष्ट हैं। विकास की बड़ी परियोजनाओं का वहां जाल बिछ गया है।
झारखंड में भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय किन बड़ी योजनाओं पर कार्य कर रहा है?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत केंद्र सरकार स्कूली एवं उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त कर रही है। झारखंड में सेंट्रल यूनिवर्सिटी तैयार की जा रही है, लेकिन जमीन के मामले में राज्य सरकार का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह आइआइएम, कई केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के निर्माण में जमीन का पेंच फंसा है। हेमंत सोरेन सरकार को चाहिए की इन अड़चनों को दूर करें, ताकि कार्य तेजी से आगे बढ़ सके।
झारखंड सरकार के बजट पर आपका क्या सुझाव होगा?
सरकार का बजट लोकहित में हो। राज्य सरकार कागज पर आंकड़ों में उलझाने की कोशिश न करे, जैसा कि विगत दो वर्षों से करती आ रही है। पूंजीगत व्यय में यह सरकार फिसड्डी साबित हुई है, जबकि इसी के जरिये राज्य में रोजगार, निवेश, कारोबार और आधारभूत संरचना का विकास/विस्तार संभव है?
क्षेत्रीय विकास के प्रति आपकी क्या है सोच है। सांसद निधि के खर्च में पिछडऩे के पीछे क्या है वजह?
कोविड की दूसरी लहर के तुरंत बाद तीसरी लहर से स्थिति सामान्य हो रही है। अब क्षेत्रीय विकास में तेजी आएगी। सांसद निधि के संबंध में जिस भी स्रोत से यह फिगर आया हे, दरअसल व सही नहीं है। कोविड में दो वित्तीय वर्ष तक तो सांसद निधि ब्लॉक था। इस वर्ष चालू हुआ है तो जिलों के उपायुक्तों के पास कई योजनाओं की अनुशंसा भेजी गई है।