गढ़वा, संवाद सहयोगी। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास अभी भी चरम पर है। किसी बीमार को ठीक करने के लिए लोग झाड़-फूंक को चिकित्सकीय इलाज से बेहतर मानते हैं। कथित ओझा-गुनी के चक्कर में पड़ने से आए दिन बीमार लोगों की जान चली जाती है।
खासकर, सांप या फिर किसी विषैले जीव-जंतु के काटने पर बीमार व्यक्ति का अस्पताल में ले जाने के बजाय लाेग झाड़-फूंक कराना बेहतर समझते हैं। इसे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। ऐसा ही एक मामला रविवार को भी सामने आया है।
रमना थाना क्षेत्र के जतपुरा गांव निवासी गौतम राम की पत्नी रामावती देवी को शनिवार की देर शाम को दाएं हाथ पर किसी विषैले जंतु ने काट लिया। महिला के स्वजनों के अनुसार तब रामावती देवी घर में ही कोई काम कर रही थी। इसके बाद उसके स्वजन रामावती देवी को झाड़-फूंक करने वाले के पास ले गए।
कथित ओझा-गुनी ने झाड़-फूंक कर रातभर में महिला की हालत ठीक हो जाने को लेकर स्वजनों को भरोसा दिया। इसके बाद स्वजन उक्त महिला को लेकर घर चले गए। लेकिन महिला की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। हालत ठीक नहीं होने पर रविवार को महिला के परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर आए और भर्ती कराया। अस्पताल में इलाजरत रामावती देवी की हालत गंभीर बनी हुई है।