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Jharkhand Politics: झारखंड में दिनभर चलता रहा पॉलिटिकल ड्रामा, मौसम ने रोका हैदराबाद जा रहे सोरेन के विधायकों का विमान

झारखंड में सरकार बनाने की कवायद में जुटा झामुमो गठबंधन विधायकों को हर हाल में एकजुट रखने की कवायद में लगा हुआ है। गुरुवार को देर रात तक यह कवायद जारी रही। राज्यपाल की ओर से चंपई सोरेन को सरकार बनाने का आमंत्रण नहीं मिलने के बाद महागठबंधन खेमे की चिंता और बढ़ी। एक तरफ सरकार गठन की बेचैनी थी तो दूसरी तरफ विधायकों के छिटकने का भी खतरा था।

By Pradeep singh Edited By: Shashank ShekharUpdated: Fri, 02 Feb 2024 10:45 AM (IST)
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Jharkhand Politics: झारखंड में दिनभर चलता रहा पॉलिटिकल ड्रामा, मौसम ने रोका हैदराबाद जा रहे सोरेन के विधायकों का विमान
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में सरकार बनाने की कवायद में जुटा झामुमो गठबंधन विधायकों को हर हाल में एकजुट रखने की कवायद में लगा हुआ है। गुरुवार को देर रात तक यह कवायद जारी रही। राज्यपाल की ओर से चंपई सोरेन को सरकार बनाने का आमंत्रण नहीं मिलने के बाद महागठबंधन खेमे की चिंता और बढ़ी। एक तरफ सरकार गठन की बेचैनी थी तो दूसरी तरफ विधायकों के छिटकने का भी खतरा था।

आशंकाएं इस बात को लेकर भी प्रबल थीं कि राज्यपाल द्वारा शपथग्रहण को लेकर स्पष्ट संकेत दिए जाने के पीछे कहीं राष्ट्रपति शासन लगाने की मंशा तो नहीं।

ऊहापोह के बीच विधायकों को रांची से बाहर किसी ऐसे प्रदेश में ले जाने की तैयारी आरंभ हुई, जहां समान विचारधारा की सरकार हो। पहले बंगाल ले जाने का कार्यक्रम बना, लेकिन कांग्रेस के नेता इसके लिए तैयार नहीं थे। बंगाल करीब था और विधायकों को वहां ले जाने की दृष्टिकोण से सुविधाजनक भी, लेकिन ममता बनर्जी का रुख कांग्रेस के प्रति ठीक नहीं रहना इसकी वजह बना।

इस वजह से हैदराबाद ले जाने का बना था प्लान

यही कारण है कि विधायकों को हैदराबाद लेकर जाने की रणनीति बनी। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है। वहां विधायकों को सारी सहूलियतें मिलेगी और सुरक्षा का भी माकूल इंतजाम होगा। हालांकि वहां जल्द जाने में मौसम बाधक बना। शाम में मौसम अनुकूल होने के बाद रवानगी की तैयारी आरंभ हुई, विधायकों को बसों में भरकर एयरपोर्ट ले जाया गया, जहां दो विशेष विमान तैयार रखे गए थे।

विधायक उनमें सवार होकर काफी देर तक उड़ान भरने का इंतजार भी करते रहे, लेकिन मौसम साफ नहीं होने के कारण विमान उड़ान नहीं भर सके और अंतत: विधायकों को लौटना पड़ा। इसके बाद सभी रांची में ही रुके। इससे पूर्व भी सरकार पर संकट आने की स्थिति में विधायकों को राज्य के बाहर रखा गया है। पिछली बार हेमंत सोरेन विधायकों को लेकर रायपुर गए थे। वहां सात सितारा रिसॉर्ट में विधायकों को ठहराया गया था।

43 विधायकों का वीडियो जारी कर अटकलों का दिया जवाब

स्टेट गेस्ट हाउस में विधायकों की मौजूदगी को लेकर अलग-अलग बातें की जा रही थी। भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे लगातार सक्रिय थे और वे अपने स्तर से दावा कर रहे थे कि विधायकों की ज्यादा संख्या इनके पास नहीं है। इसके जवाब में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 43 विधायकों का वीडियो जारी किया और बारी-बारी से उनकी गिनती तक कराई।

ये बातें भी आ रही सामने

चंपई सोरेन के नाम पर शिबू सोरेन परिवार में नाराजगी का दावा किया है। कहा जा रहा है कि शिबू सोरेन चाहते हैं कि बसंत सोरेन मुख्यमंत्री बनें। हालांकि, बसंत सोरेन ने खुलकर इस संबंध में कुछ नहीं कहा है। परिवार से बाहर नेता चुने जाने के कारण कलह सामने आ सकती है। इस पर नजर रखी जा रही है।

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