झारखंड में कुर्सी की जंग: प्रदेश में अगले साल होने हैं चुनाव, राजनीतिक दलों ने अभी से लगा दी है वादों की झड़ी
झारखंड में अगले साल चुनाव होना है लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से तैयारी करनी शुरू कर दी है। जनता से चुनावी वादे करने में पार्टियां कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। झामुमो ने तो योजनाओं की घोषणा करने के बाद उन पर अमल करना भी शुरू कर दिया है। विपक्षी भाजपा भी जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में प्रयासरत है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 29 Nov 2023 09:52 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। अक्सर चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल वादों की झड़ी लगाते हैं। झारखंड में अभी चुनावों में देरी है। यहां अगले वर्ष चुनाव होना है, लेकिन सत्तारूढ़ क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और विपक्षी दल भाजपा के बीच अभी से ही लोगों को आकर्षित करने के लिए वादों की होड़ लगी है।
सीएम सोरेन लगातार कर रहे हैं जिलों का दौरा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कल्याण विभाग के छात्रावासों में रहकर अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए मुफ्त भोजन के अलावा आठ लाख बेघरों को पक्का आवास देने समेत कई घोषणाओं करने के बाद उस पर अमल भी शुरू कर दिया है।
वह आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान वे राज्य सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं और मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साध रहे हैं।
उपलब्धियां गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हेमंत सोरेन
उन्होंने कहा कि अब तक कल्याण छात्रावास बनने के बाद कोई देखने वाला नहीं था। राज्य सरकार 500 से अधिक कल्याण छात्रावासों का जीर्णोंद्धार करा रही है। जर्जर भवनों को तोड़कर नया बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने जरूरतमंदों को आवास देने में हाथ खड़े कर दिए हैं।
राज्य सरकार ने गरीबों के लिए अबुआ आवास योजना की शुरूआत की है। गरीबों को अनाज देने में भी कोताही हुई। राज्य सरकार ने 20 लाख लोगों का राशनकार्ड बनाकर राशन उपलब्ध कराया। वह केंद्रीय एजेंसियों को भी आड़े हाथों लेना नहीं भूलते। एक मायने में इसे चुनाव का पूर्वाभ्यास माना जा रहा है। आने वाले दिनों में यह क्रम और तेज होगा।
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